Gwalior News : MP में बढ़ा शेरों का कुनबा, “मीरा” ने दिया दो शावकों को जन्म

Atul Saxena
Published on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। MP में शेरों के कुनबे में वृद्धि हुई है। ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान (चिड़िया घर) (Gandhi Zoological Park Gwalior) में सफेद शेरनी (White Tiger) “मीरा” ने 31 अगस्त व एक सितंबर की मध्यरात्रि को 02 शावकों को जन्म दिया गया है। जिनमें से एक शावक सफेद एवं एक पीला है। शावकों का जन्म होने के  बाद से चिड़िया घर प्रबंधन में ख़ुशी का माहौल है। शावकों के जन्म की जानकारी ग्वालियर कलेक्टर ने अपने ट्विटर हैंडिल पर शेयर की है।

गांधी प्राणी उद्यान में मादा “मीरा” एवं नर “लव” ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है।  इससे पहले सफ़ेद शेरनी “मीरा” ने 2018 में तीन शावकों को जन्म दिया था, जिससे एक सफेद व दो पीले शावक थे।

ये भी पढ़ें – Sex Racket : सोशल मीडिया के जरिए आते थे ग्राहक, फोटो दिखाकर होता था रेट तय

गौरतलब है कि गांधी प्राणी उद्यान में वर्ष 2010 में नेशनल जूलोजिकल पार्क नई दिल्ली से व्हाईट टाइगर मादा “जमुना” ग्वालियर लाई गई थी, तभी से चिड़ियाघर में संरक्षित शेरों के कुनबे में बढ़ोतरी हुई है।

ये भी पढ़ें – कोर्ट ने कहा- “कंडोम के इस्तेमाल का मतलब ये नहीं कि Sex सहमति से हुआ”

वर्तमान में मादा “मीरा” एवं उसका एक पीला शावक स्वस्थ्य हैं, परंतु दूसरा नवजात शावक अस्वस्थ प्रतीत हो रहा है, जिसकी गर्दन जन्मजात असामान्य है, जिसके लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा उपचार हेतु देश के वरिष्ठ पशु चिकित्सकों का मार्गदर्शन लिया जा रहा है।

ये भी पढ़ें – Gwalior News : युवाओं की दबंगई- तलवार से काटा केक, जमकर किये हवाई फायर

पशु चिकित्सकों के अनुसार अभी सफ़ेद शेरनी “मीरा” को भोजन के रूप में हल्का खाना जैसे चिकन सूप, दूध, उबले हुए अंडे दिए जा रहे हैं। निगम कमिश्नर आशीष तिवारी ने  चिड़ियाघर प्रभारी को निर्देशित किया है कि शिशु शावकों के स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी रखने के साथ ही उन्हें तीस से चालीस दिन तक आइसोलेशन में रखा जाए। साथ ही केन्द्रीय चिड़िया घर प्राधिकरण के स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। उधर ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने ट्विटर ने शावकों के जन्म की खबर साझा की है।

 

 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News