ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस ने एक शातिर बाइक चोर गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है। खास बात ये है कि गिरोह का सरगना इंजीनियरिंग का छात्र रहा है। उसने पढ़ाई अधूरी छोड़कर एक गैंग बनाया और फिर बाइक चोरी करने लगा। पुलिस ने गिरोह के कब्जे से 24 टू व्हीलर बरामद की हैं जिनमें अधिकांश मोटर साइकिल हैं। पुलिस इन चोरों का रिमांड लेकर कड़ी पूछताछ करेगी। एसपी ने इस सफलता के लिए बहोड़ापुर थाने के स्टाफ को 10,000 रुपये का नगद पुरस्कार दिया है।
ग्वालियर की बहोड़ापुर थाना पुलिस ने शातिर बाइक चोर गिरोह को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरोह में तीन सदस्य हैं जिनमें दो मुरैना और एक ग्वालियर का है। खास बात ये है कि गिरोह का सरगना इंजीनियरिंग का छात्र रहा है। ये मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज MITS ग्वालियर में इलेक्ट्रिकल इंजीनिरिंग की पढाई कर चुका है।
एसपी अमित सांघी ने बताया कि बहोड़ापुर पुलिस ने एक बदमाश को टंकी वाले हनुमान मंदिर के पास से मोटर साइकिल चोरी करते हुए गिरफ्तार किया जब इससे पूछताछ की तो उसने अपने दो अन्य साथियों के नाम बताये। पुलिस ने तीनों चोरों को गिरफ्तार कर लिया। जब कड़ाई से पूछताछ की तो इनके कब्जे से 24 टू व्हीलर बरामद हुए जिनमें अधिकतर मोटर साइकिल हैं। गिरफ्तार ग्वालियर और मुरैना में बाइक चोरी करते थे और मुरैना के ग्रामीण क्षेत्रों में बेच देते थे।
एसपी अमित सांघी ने बताया कि गिरोह का सरगना ग्वालियर का ही है ये प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज MITS का इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का छात्र रहा है। इसने तीन साल तक MITS में पढाई की फिर बुरी संगत में आकर पढ़ाई छोड़ दी और चोरी करने लगा। मुख्य आरोपी के पिता सरकारी नौकरी में , ये पढ़े लिखे संभ्रांत परिवार से है। ये डुप्लीकेट चाबी से बाइक का लॉक खोलते और बाइक चोरी कर फ़रार हो जाते, पूरा काम रैकी कर करते थे जिसके कारण अब तक पुलिस की नजर से बच रहे थे। एसपी ने कहा कि इनका रिमांड ममांगा जाएगा उम्मीद है कि और बाइक बरामद हो जाएँ उधर एसपी अमित सांघी ने गिरोह को पकड़ने में शामिल टीम को 10,000 रुपये का नगद इनाम भी दिया है।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....