गुना।
लॉकडॉउन(lockdown) के बीच मध्यप्रदेश(madhyapradesh) में अपराधों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच पुलिसकर्मी(police) पर भी लगातार अपराधों के मामले सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर बुधवार को प्रदेश के गुना(guna) जिले में पहली बार उच्च न्यायालय(high court) खंडपीठ ग्वालियर(gwalior) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(video conferencing) के माध्यम से एक नाबालिग के अपहरण एवं फिर उसके साथ दुष्कर्म मामले की सुनवाई की है।
दरअसल मामला गुना क्षेत्र के धरनावदा का है। जहां एक नाबालिग लड़की के अपहरण के बाद पुलिस चौकी में उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप नाबालिक के परिजनों ने थाना प्रभारी नीरज बिरथरे पर लगाया है। जिसके बाद पुरुषों के में कोई सुनवाई नहीं होने के बाद नाबालिक की मां चुम्मा बाईं ने उच्च न्यायालय की शरण ली। बता दें कि नाबालिग बेटी का अपहरण किया गया था जिसके बाद धरनावदा थाना प्रभारी नीरज पर आरोप है कि उसके द्वारा नाबालिग बेटी के साथ रुठियाई पुलिस चौकी में दुष्कर्म को अंजाम दिया गया। जिसके बाद मां चुम्मा बाई ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसके बाद बुधवार सुबह याचिकाकर्ता 10:00 बजे तहसीलदार के माध्यम से पेश की गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नाबालिग की मां के बयान भी दर्ज किए गए।
दूसरी तरफ मीडिया(media) से बात करते हुए नाबालिक की मां ने कहा कि यदि वह झूठ बोल रही है तो उनकी नाबालिग बेटी का डीएनए जांच करा लिया जाए। नाबालिक के माने थाना प्रभारी पर यह भी आरोप लगाया है कि वह लगातार परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। साथ ही वह नाबालिग के परिजनों को लाखों रुपए देने की बात कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैं गलत मुझे थानेदार द्वारा यह रिश्वत कैसी। दूसरी तरफ गुडाकेश के संबंध अधिवक्ता हर्षवर्धन सिंह सिसोदिया ने पीड़िता का पक्ष रखा है। वही केस की सुनवाई माननीय हाईकोर्ट जज सिल नागु साहब और राजीव कुमार श्रीवास्तव द्वारा की गई। मैं पीड़ित महिला का कहना है कि उसे न्यायालय से पूरे न्याय की उम्मीद है।