होटल, रेस्टॉरेंट्स में परोसे जा रहे थे अवैध शराब और हुक्के, नशा करते मिले युवक युवतियां

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। आबकारी विभाग ने क्रिसमस के मौके पर एक सूचना के बाद विभिन्न होटल,पब , बार और रेस्टॉरेंट्स पर कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से परोसी जा रही शराब और हुक्के बरामद किये हैं। अधिकारियों को यहाँ नशा करते हुए बड़ी संख्या में युवक युवतियां मिले। आबकारी पुलिस ने एक होटल और दो रेस्टॉरेंट के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कलेक्टर और सहायक आबकारी आयुक्त के निर्देश पर शहर के विभिन्न होटलों, रेस्टॉरेंट, बार और पब पर छापामार कार्रवाई की गई। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि शहर के होटलों, पब, बार और रेस्टॉरेंट्स पर किसमस के मौके पर नाबालिग बच्चे नशे की गिरफ्त में आ सकते हैं । निर्देश के बाद आबकारी टीम ने सिटी सेंटर सहित अन्य क्षेत्र में स्थित बार, पब, रेस्टॉरेंट्स और होटलों पर छापे मारे गये। जिसमें आबकारी पुलिस को बड़ी मात्रा नशा करते युवक युवतियां मिले साथ ही टेबलों पर शराब और हुक्के मिले। आबकारी विभाग ने होटल फॉर्च्युन एवेन्यू , रेस्टॉरेंट जलसा और द ओपन हाउस के मालिकों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है ।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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