ठगी से पहले ही चिटफंड कंपनी पर लगे ताले, प्रशासन की सजगता से बचे निवेशक

निवाड़ी, मयंक दुबे।  आम तौर पर चिटफंड कंपनियों Chit fund companies) के झांसे में आकर लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं वो अपने जीवन की गाढ़ी कमाई गवा देते हैं और फिर इसकी शिकायत करते हैं। लेकिन निवाड़ी जिले के कलेक्टर आशीष भार्गव की सजगता के चलते जिले के लोग ठगी का शिकार होने से बच गए। मामला निवाड़ी जिला मुख्यालय का है जहाँ लस्टीनेस जनहित को-ऑपरेटिव सोसायटी नाम की चिटफंड कंपनी (Chit Fund Company)जो लोगो से निवेश कराने की तैयारी में थी। उसे उपभोक्ताओं  के निवेश के पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया।

दरअसल जिले के एसपी आलोक कुमार(SP Alok Kumar) को जानकारी लगी के चिटफंड के नाम जिले के लोगों से निवेश कराने की तैयारी एक नई को-ऑपरेटिव सोसायटी जिले में खुली है जो संदेह के घेरे में है, उन्होंने जिला कलेक्टर को इसकी सूचना दी।  जिसके बाद कंपनी के ब्रांच संचालक राहुल यादव से बात कर जब इस चिटफंड कंपनी (Chit Fund Company) की प्रशासनिक अधिकारियों ने दस्तावेजों की जाँच की तो पाया कि इस कंपनी को उपभोक्ताओं से निवेश कराने के अधिकार ही नहीं हैं। दस्तावेज चैक करने के बाद कलेक्टर आशीष भार्गव (Ashish Bhargava) ने धारा 144 के तहत इस चिटफंड कंपनी (Chit Fund Company) की सभी शाखाओं को लेने देन के लिए  प्रतिबंधित कर दिया।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....