जबलपुर, संदीप कुमार। प्रदेष सरकार के धर्म स्वतंत्रता कानून को अवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है। याचिका में कहा गया था कि इस कानून से संविधान में प्राप्त मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्ही के षुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
युगलपीठ ने उक्त याचिका की सुनवाई इस संबंध में दायर अन्य याचिकाओं के साथ करने के निर्देष जारी किये है।
भोपाल निवासी आजम खान की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि कि प्रदेष सरकार द्वारा लागू किया गया धर्म स्वतंत्रता कानून अवैधानिक है। यह कानून संविधान की अनुच्छेद 14,19, 21 और 25 के सिद्धांतों तथा व्यक्ति के धर्म परिवर्तन व धर्मनिरपेक्षता के अधिकार का उल्लंघन कर रहा है।
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याचिका में कहा गया था िकइस कानून में धारा 3,4,5,6,7,10,12 व 13 के प्रावधान संविधान में मिले मौलिक अधिकारों के विपरित है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने प्रदेष सरकार के मुख्य सचिव तथा विधि विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता षुगफता सन्नो खान ने पैरवी की।