जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना वायरस संक्रमण (Corona virus infection) के चलते 25 मार्च से मध्यप्रदेश (madhya pradesH)की तमाम जेल बंद हो गई थी। इन जेलों में सजा काट कैदी और स्टाफ के अलावा अन्य लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इतना ही नहीं जो कैदी जेल में सजा काट रहे हैं। उनके परिजनों से भी मुलाकात पूरी तरह से बंद हो गई थी। अब जबकि कोरोना संक्रमण केसों की सँख्या काफी हद तक कम हो रही है तो राज्य सरकार ने एक बार पुनः कैदियों से मुलाकात करने हेतु परिजनों के लिए जेल के दरवाजे खोल दिए हैं।
कोरोना गाइडलाइन का करना होगा पालन
जेल में सजा काट रहे कैदी अब अपने परिजनों से मुलाकात कर सकते हैं हालांकि जो जो भी परिजन कैदियों से मुलाकात करेगा उसे कोरोना गाइडलाइन का पालन करना आवश्यक होगा। राज्य सरकार ने जेल अधिकारियों को गाइडलाइन का पालन हेतु सतत निगरानी करने के निर्देश दिए है।यही कारण है कि मध्यप्रदेश की तमाम जेलों में पदस्थ जेल अधीक्षक और जेलर स्वम देखरेख कर रहे है।
मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी जेल में भी शुरू हुई मुलाकात
जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल के गेट भी परिजनों के लिए खोल दिए गए हैं, करीब 8 माह बाद जेल में बंद कैदियों से उनके परिजन मिलकर बहुत खुश हैं, इधर वरिष्ठ जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने स्वयं गेट पर खड़े होकर परिजनों की कैदियों से मुलाकात करवा रहे हैं, साथ ही कोरोना गाइड लाइन के कड़ाई से पालन हो ये भी देखा जा रहा है।जबलपुर केंद्रीय जेल में करीब दो हजार कैदी वर्तमान में सजा काट रहे है,इन कैदियों से परिजनों की मुलाकात की व्यवस्था कोविड के चलते 25 मार्च से बंन्द कर दी थी,ऐसे समय मे परिजन जेल में सजा काट रहे अपने रिश्तेदारों से मुलाकात नही कर पा रहे थे।
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मास्क नही तो मुलाकात नही
कोरोना के चलते करीब 8 माह बाद परिजनों के लिए खुले जेल के दरवाजों के बीच जेल प्रबंधन मुलाकात के लिए कड़ाई से पालन करवा रहा है,सोशल डिस्टेंड के साथ साथ मास्क पहनना परिजनों को अनिवार्य किया गया है,साथ ही जेल के गेट में सेनेटाइजर की भी व्यबस्था की गई है।वही एक दिन में एक कैदी से सिर्फ दो परिजन ही मुलाकात कर सकते है।
ज्यादा से ज्यादा समय तक कर सके जेल में सजा काट कैदियों से मुलाकात, इसलिए बढ़ा दिया गया है समय
परिजनों के लिए जेल में सजा काट रहे बंदियों से मुलाकात का समय पहले 9 बजे से 1 बजे तक जो था उसे बढ़ा कर सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर दिया है।परिजनों से मुलाकात के शुरू हुए इस दौर में जेल प्रबंधन के सामने अब कई चुनोतियाँ भी आ गई है,एक तो कोरोना से बंदियों को बचना दूसरा सरकार के निर्दोषों का पालन करना।