MP उपचुनाव : कांग्रेस का आरोप- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टिकट के लिए मांगे थे 1 करोड़

Pooja Khodani
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। उपचुनावों (By-elections) में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर हमलवार कांग्रेस (Congress) ने अब एक और बड़ा हमला किया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं ग्वालियर चंबल संभाग के मीडिया प्रभारी ने एक वीडियो जारी कर भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके निज सचिव पुरुषोत्तम पाराशर (Purushottam Parashar) पर कांग्रेस में रहते एक करोड़ रुपये में टिकट बेचने के आरोप लगाए।

पार्टी प्रवक्ता ने सबूतों के आधार पर सिंधिया और उनके निज सचिव पर आर्थिक भृष्टाचार का प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एवं ग्वालियर चंबल संभाग के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा (KK Mishra) ने आज सोमवार को ग्वालियर में 6 मिनट 33 सेकंड का एक वीडियो जारी कर भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके निज सचिव पुरुषोत्तम पाराशर पर आधिकारिक प्रमाणिक आरोप लगाते हुये कहा कि उन्होंने कांग्रेस में रहते हुये अपने समर्थकों से टिकट दिलवाने के एवज में बड़ी धनराशि वसूली। इससे साबित होता है कि वे कांग्रेस में रहकर भी एक व्यवसायिक नेता के रूप में कार्य करते रहे और जो राजनेता अपनी पार्टी के अपने ही समर्थकों से टिकट दिलवाने के एवज में लाखों-करोड़ों रुपयों की वसूली करता हो क्या वह राजनेता कहलाने लायक है?

मिश्रा ने कहा कि इस प्रामाणिक वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद सिंधिया-पाराशर पर आर्थिक भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज होना चाहिये और आज पूरे प्रदेश में उपचुनाव को लेकर एक साथ बूथ स्तर पर “विजय संकल्प यात्रा” निकाल रही भाजपा को भी यह स्पष्ट करना चाहिये कि राजनैतिक कदाचरण से जुडे एक अपने ही भ्रष्ट सांसद के इस घिनौने चरित्र के रथ पर सवार होकर क्या वह अपनी राजनैतिक यात्रा पूरी कर सकेगी?

मिश्रा ने यह भी कहा कि विगत जून माह में भी अशोकनगर (गुना) से कांग्रेस का चुनाव लड़ रही वर्तमान प्रत्याशी श्रीमति आशा दोहरे (Asha douhre) की सासु मां श्रीमति अनिता जैन (Anita Jain) से भी पाराशर द्वारा टिकट के एवज में 50 लाख रुपये लिये जाने का ऑडियो सार्वजनिक हुआ था जिसकी जांच पुलिस के समक्ष विचाराधीन है। लिहाजा, नैतिकता का तकाजा है कि खरीद फरोख्त के माध्यम से चुनी हुई सरकार को गिराने वाली भाजपा ऐसे अनैतिक चरित्रों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगी?

कांग्रेस प्रवक्ता मिश्रा ने भांडेर से निर्वाचित सिंधिया समर्थित पूर्व कांग्रेस विधायक एवं वर्तमान में भाजपा प्रत्याशी श्रीमति रक्षा संतराम सिरोनिया (Raksha Santram Sironia) पति को वर्ष 2018 में संपन्न विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने के एवज में की गई मांग व ली गई राशि से संदर्भित एक वीडियो जारी किया है जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता व पूर्व मंत्री डॉ. गोविंदसिंह से रक्षा सिरोनिया के पति संतराम सिरोनिया सहित अन्य लोगों की उपस्थिति में उक्त आरोपों की सिलसिलेवार तथ्यात्मक चर्चाएं शामिल है, जो किसी राजनैतिक कदाचरण, अनैतिक चरित्र और प्रमाणिक भ्रष्टाचार को साबित करने के पर्याप्त साक्षों के लिये काफी है। मिश्रा ने डॉ. गोविंदसिंह और संतराम सिरोनिया के बीच वीडियो में संकलित संपादित अंशों को सार्वजनिक किया है। जिसमें संतराम यह कहते हुये स्पष्ट सुनाई दे रहे हैं कि सिंधिया के निज सचिव पुरुषोत्तम पाराशर टिकट दिलाने के एवज में 1 करोड रुपये की मांग कर जमा करने को कह रहे हैं। ?

बीजेपी प्रत्याशी के पति और पूर्व कैबिनेट मंत्री के बीच चर्चा

संतराम- पाराशर जी ने 1 करोड़ पैसा मांगे, कहा 50 लाख जमा करा दो
उपाध्याय जी को, नई हमने डॉ. अनिल को जमा करने को कहा। पहले कहा दतिया में जमा करेंगे, महाराज ने कहा डायरेक्ट दीजिए, हमने कहा डायरेक्ट दिला देंगे, महाराज ने कहा है, पहले पैसे जमा करा दीजिए फिर हमने कहा 1 करोड़ रुपये जमा करा देंगे तो चुनाव कैसे लड़ेंगे।उन्होंने कहा कितने जमा करा सकते हो? सर 25-30 लाख, तो उन्होंने टिकट काटने का हवाला दिया कहा- कमलापत बैठा है नहीं दिया तो तेरा टिकट कट जायेगा।

यह बात पाराशर ने कही।पैसे के लेनदेन की बात रक्षा सिरोनिया के पति ने सेवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह को भी बताई कि पैसे नहीं दिये तो चुनाव का सिम्बॉल रुक गया फिर 25 लाख रुपये जमा कराने पड़े।

डॉ.गोविंदसिंह- कहां जमा कराये? पार्टी फंड या कहीं और?

संतराम- पुरुषोत्तम पाराशर के साले, इंदरगढ वाले अनूप दांतरे के वहां जो भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष है, विश्वास नहीं है साले पे।

डॉ.गोविंदसिंह- किसका साला है?
संतराम- पुरुषोत्तम पाराशर का।

संतराम- डॉ.गोविंदसिंह से, अबे तो बचा लो फिर बाद में तो का होय यही तय हो जाये महाराज सच बोल रहे हैं के हम? जिला पंचायत सदस्य हमनों आप भी कहत होंगे कि हमनों दो रुपये नहीं, फिर काए से चुनाव लड़ेगो फिर बिनने कई ईमानदार तो ईमानदार व्यक्ति पार्टी में रहना माने, उसका कोई मतलब नहीं? बाद में पाराशर की संपत्ति को लेकर भी चर्चा हुई।

संतराम- पैसा मांगे जाने की बात दत्तीगांव से भी कई, उनसे कई हमने साब ऐसी बात है सो उनसे बात करी हुई, सो बे बोले नई नई, महाराज सिंधिया ही कह रहे है जमा कराईये, अब।

दत्तीगांव कह रहे हैं तो इनकी बात बिल्कुल सही है, महाराज से वे डायरेक्ट बात करते है तो हमें जा बात सही लगी कि सही बात है।

डॉ.गोविंदसिंह- चलो जाओ, अब अपनी बात बताओ

संतराम- हम बेईमान आदमी बने के ईमानदार बने,खुद ही ईमानदार हैं तो अब आपके साथ रहेंगे। 20 साल सेवा करने के बाद नतीजा जो निकलो आप ईमानदार होवे के बाद भी आपके साथ यह सिला हुआ, मेरी ईमानदारी का सिला मुझे यह मिला तो मैं यह तय कर चुका हूँ।

डॉ.गोविंदसिंह- क्या तय कर चुके हो?

संतराम- हम आपके साथ रहेंगे।

डॉ.गोविंदसिंह- हम तो सीएम पद के दावेदार है नहीं।

संतराम- हमें अच्छे से मालूम है वहां तक मेरी राजनीति नहीं है। मेरी राजनीति आप तक है मेरे आदर्श तो आप हैं जो कहेंगे वो करूंगा।

डॉ.गोविंदसिंह- देखो यार मैं तो बताऊँ मेरी निष्ठा नंबर 1 पर कमलनाथ हैं और दिग्विजयसिंह का लक्ष्य है कि किसी भी तरह कमलनाथ को सीएम बनाना है।

मिश्रा ने यह भी कहा कि जिस तरह पैसा पाराशर के साले अनूप दांतरे जो भाजपा के मंडल अध्यक्ष हैं, के घर पहुंचा उससे स्पष्ट है कि कांग्रेस में रहते हुये भी भाजपा के लोगों के सिंधिया और उनके निज सचिव का संबंध रहा है। इसलिये कांग्रेस में रहकर भी उनकी गद्दारी कांग्रेस समझ नहीं पाई जो हमारा दुर्भाग्य था। ऐसे वीभत्स चेहरों को उजागर करना हमारा लक्ष्य है जो आगे भी जारी रहेगा।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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