भोपाल।
कोरोना संकट (Corona Crisis) में कर्मचारियों के सातवें वेतनमान (Seventh pay scale) की तीसरी किस्त पर रोक लगाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(former cm kamalnath) ने शिवराज सरकार (shivraj sarkar) पर जमकर हमला बोला है।कमलनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार तुरंत अपना फैसला बदले वरना कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी। कर्मचारियों के हित की लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी।
नाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए है। नाथ ने लिखा है कि शिवराज सरकार अपने डेढ़ माह के कार्यकाल में ही प्रदेश के कर्मचारियों को राहत प्रदान करने की बजाय , निरंतर कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है।इससे उसकी कर्मचारी विरोधी मानसिकता उजागर हो रही है।पहले कर्मचारियों के डीए रोकने का फैसला लिया और अब उनके सातवें वेतनमान के एरियर की तीसरी व अंतिम किस्त रोकने का। पहले से ही कर्मचारी इस महामारी में महंगाई की मारसरकार तुरंत अपना निर्णय बदले व कर्मचारियों को डीए व एरियर की राशि का भुगतान करें।कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी।कर्मचारियों के हित की लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी। झेल रहे हैं ,ऐसे में उन पर इस निर्णय से दोहरा संकट आ पड़ा है।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने कर्मचारियों को जब सातवां वेतनमान दिया था, तब 18 माह का एरियर (बकाया भत्ता) तीन किस्तों में देने का निर्णय हुआ था। दो किस्तें दी जा चुकी हैं। तीसरी और अंतिम किस्त का भुगतान मई 2020 में होना तय था, लेकिन कोरोना संकटकाल के चलते सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। हालाँकि मृत्यु, सेवा छोड़ने, सेवानिवृत्ति की स्थिति में सातवें वेतनमान की तीसरी किस्त का भुगतान तत्काल किया जाएगा |