कमलनाथ की बढ़ी मुश्किलें, EC ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश..

Gaurav Sharma
Updated on -
पंचायत चुनाव

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) के खिलाफ चुनाव आयोग (Election Commission)  ने एफ आई आर (FIR) दर्ज करने का आदेश जारी किए हैं। कमलनाथ पर आरोप है कि उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) में पैसों का गलत इस्तेमाल किया था। मध्य प्रदेश में 28 सीटों को लेकर हुए उपचुनाव (BY-Election) के दौरान भी कमलनाथ चुनाव आयोग के निशाने पर आए थे जिस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने उनसे स्टार प्रचारक (Star campaigners) का दर्ज छीन लिया था। बार-बार आचार संहिता का उल्लंघन करने के चलते चुनाव आयोग ने उन पर कार्रवाई की थी।

चुनाव आयोग (Election Commission) ने मध्य प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (Chief Electoral Officer) को तीन आईपीएस अधिकारियों (IPS) और अन्य लोगों के खिलाफ भी आपराधिक मामला (Criminal Case) दर्ज करने के लिए कहा है,  जिनकी 2019 के आम चुनावों के दौरान काले धन (Black Money) के इस्तेमाल में कथित भूमिका सामने आई थी।

कमलनाथ के सहयोगियों के यहां हुई थी छापेमारी

अप्रैल 2019 में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों के यहां आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा छापे (Raid) के बाद पुलिस और अन्य लोगों की भूमिका सामने आई थी। आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव को आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ ‘उचित विभागीय कार्रवाई’ शुरू करने के लिए भी कहा है और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी के खिलाफ ‘समान कार्रवाई’ करने के आदेश जारी किए है।

106 करोड़ रुपए का नगदी लेन-देन का मामला

बता दें कि चुनाव आयोग ने पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिल्ली स्थित मुख्यालय में 106 करोड़ रुपए की नगदी के गलत लेनदेन मामले में की गई है। जिसमें चुनाव आयोग ने पहले तो एमपी पुलिस को करीब चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। जिसके बाद अब कमलनाथ के खिलाफ भी FIR दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है।

चुनाव आयोग ने दिए आदेश

चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव को इस मामले में संलिप्त आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा है। साथ ही एमपी के मुख्य सचिव को राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी के खिलाफ ‘समान कार्रवाई’ करने के आदेश दिए है। वहीं सर्वेक्षण में कहा गया है कि CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें मध्य प्रदेश में आयकर विभाग के तलाशी अभियान और उसके परिणामों के संबंध में सूचना देने के बाद जानबूझकर कार्रवाई करने के बाद यह सर्वेक्षण करने की सिफारिश कर रहा था।

बेहिसाब नकदी लेने-देन का मामला

पोल पैनल ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की है जिसमें बताया  गया है कि आयोग ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से प्राप्त रिपोर्ट पर विचार-विमर्श किया गया जिसमें बताया गया कि आम चुनाव 2019 में बेहिसाब नकदी के व्यापक उपयोग गया है। EC के बयान में कहा गया है कि सीबीडीटी द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट ने चुनाव आयोग को कुछ व्यक्तियों और संस्थाओं के बारे में सूचना दी थी। जो एक निश्चित पॉलिटिकल पार्टी द्वारा अधिकारियों और व्यक्तियों को अनधिकृत रूप से बेहिसाब नकदी योगदान दे रहे थे। आयकर विभाग द्वारा व्यक्तियों के खिलाफ खोज के दौरान अपक्षयी होने की सूचना है।

तीन IPS अधिकारियों के नाम उजागर

रिपोर्ट में विशेष रूप से बताया गया अनधिकृत नकद लेनदेन में सरकारी कर्मचारी की मुख्य भूमिका रही। विचार-विमर्श के बाद, आयोग ने निर्धारित अधिकारी को पहले आपराधिक कार्रवाई की पैरवी करने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सीटीबीटी की तारीखों की रिपोर्ट 28.10.2020 को भेजने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने तीन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों को सुषोवन बनर्जी, संजय माने, वी मधु कुमार और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा के रूप में पहचाना।

कमलनाथ की बढ़ी मुश्किलें, EC ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश..


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News