खंडवा, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर पार्टियों ने बिगुल फूंक दिया है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अमला भी इसकी तैयारी में जुट गया है। दरअसल खंडवा उपचुनाव (khandwa by-election) के लिए 2 अगस्त से प्रशासनिक अमला अपनी तैयारी शुरू करेगा। EVM और VVPAT मशीन के परीक्षण का दौर शुरू होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उपस्थित होने की सूचना दी गई है।
बता दें कि 2 अगस्त से शुरू होने वाले EVM और VVPAT मशीन के परीक्षण का दौर 15 दिन तक चलेगा। इसके लिए BHEL कंपनी के इंजीनियर की एक टीम खंडवा पहुंचेगी। इस मामले में खंडवा के उप निर्वाचन अधिकारी शंकरलाल सिंघाड़े ने कहा कि 2 अगस्त से खंडवा में इन मशीनों की जांच परीक्षण और अपडेट का दौर शुरू होगा। इसके लिए स्थानीय इंजीनियरों के साथ मिलकर विशेष इंजीनियरों की टीम खंडवा पहुंचेगी। परीक्षण का यह काम राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में होगा।
वहीं मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण (corona pandemic) की रफ्तार भले ही कम हो गई हो लेकिन सरकार किसी भी स्थिति में Corona की तीसरी लहर (third wave) की आशंका को खत्म करना चाहती है। इसके लिए खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अतिरिक्त मतदान केंद्र तैयार किए जाएंगे। जानकारी की माने तो पूरे लोकसभा क्षेत्र में 2367 मतदान केंद्र बनेंगे। वही मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती।
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खंडवा सीट पर अब तक 16 आम चुनाव हुए हैं। जिनमें 9 में कांग्रेस ने जीत हासिल की है जबकि 7 बार BJP के सर जीत का सेहरा सजा है। 1996 से BJP के नंदकुमार सिंह चौहान इस सीट पर लगातार जीत दर्ज कर रहे थे लेकिन 2009 में कांग्रेस के अरुण यादव (Arun yadav) ने इस सीट से जीत दर्ज कर नंदकुमार सिंह चौहान की जीत पर रोक लगा दी थी। हालांकि 2014 और 19 में एक बार फिर से नंद कुमार सिंह ने अरुण यादव को हरा दिया था।
लेकिन BJP सांसद नंदकुमार सिंह चौहान (Nand kumar singh chauhan) के निधन के बाद खंडवा लोकसभा सीट (khandwa loksabha seat) खाली हो गई है। बीजेपी की तैयारी नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस (archana chitnis) और कृष्ण कुमार मोघे के बीच दावेदारों के चुनाव की है । वहीं दूसरी तरफ Congress से इस मामले में अरुण यादव का नाम प्रस्तावित किया है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से अभी इस बात पर सहमति नहीं बनी है।
वहीं दमोह उपचुनाव (damoh upcoming) जीतकर जहां कांग्रेस के हौसले बुलंद है। वही बीजेपी की गोपनीय तैयारी कभी भी पासा पलट सकती है। हालांकि उप चुनाव (by-election) की तैयारी को लेकर एक तरफ से यहां MP Congress) kamalnath के नेतृत्व में लगातार बैठकर कर रही है। वहीं दूसरी तरफ कमलनाथ की बैठक से दिग्विजय सिंह (digvijay singh) और अरुण यादव की दूरी BJP के लिए लाभदायक हो सकती है।