कांग्रेस की कृषि बिल के खिलाफ खाट महापंचायत, मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 50 हज़ार रुपए

Gaurav Sharma
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मुरैना, संजय दीक्षित। आज मुरैना में कृषि कानून के विरोध में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया।इस महापंचायत में पूर्व सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हुए है। वहीं हजारों की संख्या में किसान भी खाट महापंचायत में शामिल हुए थे।जिन्हें खाट पर बैठाया गया। वहीं इस दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि किसानों के साथ जो अन्याय हो रहा है, कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। यह किसानों के जीवन का सवाल है, केंद्र सरकार ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। उसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी डटकर सामना करेगी।

इस दौरान पूर्व सीएम से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिले में उनको घेरने की कोशिश कर रही है, तो इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा कि जिस केंद्रीय मंत्री को एक साधारण सा गरीब किसान समझ नहीं आता तो इसमें कुछ कहने लायक नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस ने इस खाट महापंचायत का आयोजन किया था। जिसको लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था कि इस महापंचायत के जरिए कृषि कानून के विरोध में किसानों के साथ बैठकर रणनीति तैयार की जाएगी।

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन कर रही है। इस सिलसिले में जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अलग-अलग इलाकों में हो रही ट्रैक्टर रैली में शामिल हो रहे हैं तो आज मुरैना में हो रही किसान खाट महापंचायत में कमलनाथ सहित तमाम कांग्रेसी दिग्गजों शामिल हुए थे। इसके बाद 23 जनवरी को राजधानी भोपाल में राजभवन का घेराव किया जाना है। राजभवन के घेराव के बाद 24 जनवरी को इंदौर में भी विशाल आंदोलन होने वाला है।खाट पंचायत मध्य प्रदेश में पहली बार देखने को मिली हैं। जिसमें खाटों पर बैठकर किसानों से चर्चा की गई।

यही वजह है कि यहां पंचायत इस समय चर्चा का विषय बनी हुई थी। इस महापंचायत में केंद्र सरकार को घेरने के लिए किसानों के साथ कांग्रेस ने रणनीति तैयार की।उसके बाद 26 जनवरी को ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेता किसानों के साथ दिल्ली के लिए कूच करेंगे। कांग्रेस पार्टी ने इस महापंचायत के लिए मुरैना को चुना और यही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी किसानों से बातचीत कर उनको घेरने का काम करेगी। इस किसान महापंचायत में कांग्रेस पार्टी ने 400 से अधिक खाट मंगाई थी और पार्टी का दावा है कि यह सभी खाट किसान अपने घर से लेकर आए थे। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया सहित तमाम बड़े नेता शामिल हुए। इसके अलावा इस महापंचायत में हुक्का का भी उपयोग किया गया था।मतलब खाट पर बैठकर पूर्व मंत्री सहित अन्य किसानों ने हुक्का का आनंद लिया।

पूर्व मंत्री लाखन सिंह का कहना है कि पिछले 51 दिन से किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे है और केंद्र सरकार किसानों की समस्या सूनना नहीं चाहती है। उनका कहना है कि अभी तक इस आंदोलन में लगभाग 55 लोग शहीद हो चुके है। जिसको लेकर कांग्रेस पहले किसान के साथ पिछे थे, लेकिन अब फ्रंट पर आकर किसानों का साथ दे रहे है। उसी कड़ी में इस महापंचायत का आयोजन किया गया हैं।चूंकि यह किसानों की महापंचायत है। इसलिए इसे देसी स्टाइल में आज महापंचायत करने का फैसला लिया गया है।

महापंचायत में खाट के साथ-साथ हुक्का का भी आनंद लिया गया। हमारे किसान भाई हुक्का के प्रेमी होते हैं। इस पंचायत में खाट पर बैठकर हुक्का पिया गया। साथ ही उनका कहना है कि इस महापंचायत में रणनीति तैयार की जाएगी और 26 जनवरी को किसानों के साथ कांग्रेस पार्टी हजारों की संख्या में दिल्ली के लिए कूच करेगी। कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में किसानों के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था।खाट पंचायत मध्य प्रदेश में पहली बार देखने को मिली है। जिसमें खाटों पर बैठकर किसानों से चर्चा की गयी। यही वजह है कि यहां पंचायत इस समय चर्चा का विषय बनी हुई थी।

इस महापंचायत में केंद्र सरकार को घेरने के लिए किसानों के साथ कांग्रेस रणनीति तैयार करेगी और उसके बाद 26 जनवरी को ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेता किसानों के साथ दिल्ली के लिए कूच करेंगे।जहरीली शराब के मामले में जिले के कांग्रेसी विधायकों ने सहयोग की घोषणा की हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के मानपुर आगमन के दौरान मृतकों के परिजनों के बीच बैठे पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव एवं सुमावली से कांग्रेसी विधायक अजब सिंह कुशवाहा ने कमलनाथ के निर्देशन पर यह घोषणा की हैं। मृतकों के परिजनों को जिले के सभी कांग्रेसी विधायकों की तरफ से आर्थिक सहायता के रूप में 50-50 हज़ार दिए जाएंगे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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