भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के 100 करोड़ की वसूली वाले लेटर बम का असर आखिरकार हो ही गया। बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मामले की सीबीआई से जांच कराने के आदेश के बाद अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ने लगी थी। इस बीच उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा भेज दिया और ट्विटर पर साझा भी किया। मराठी में लिखे इस्तीफे में NCP नेता अनिल देशमुख ने लिखा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई जाँच के देश दिए हैं इसलिए नैतिकता के आधार पर मुझे मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं है इसलिए मेरी आपसे विनती है कि मुझे गृह मंत्री के पद से मुक्त करें।
100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोपों में घिरे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि आरोप लगने के बाद से ही भाजपा इस्तीफे की मांग कर रही थी पूर्व मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस वसूली के आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख पर हमलावर थी। इसके बाद जब बॉम्बे हाईकोर्ट का सीबीआई से जाँच का आदेश आया उसके बाद अनिल देशमुख मुश्किलें बढ़ गई थी।
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मिडिया रिपोर्ट्स के मुतबिक बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि पूरा मामला एक FIR के आसपास घूम रहा है। एडवोकेट जयश्री पाटिल ने पुलिस थाने में FIR दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन FIR नहीं हुई। हम इस केस से जुड़े अन्य मुद्दों पर अब्भी बात नहीं करेंगे। हम इस बात से सहमत हैं कि ये एक अभूतपूर्व मामला है। अनिल देशमुख पुलिस विभाग को लीड करने वाले गृह मंत्री हैं। इस मामले में एक इंडिपेंडेंट जांच होनी चाहिए, इसलिए सीबीआई फिलहाल बिना FIR किये मामले की जांच करे और 15 दिनों में अपनी प्राथमिक रिपोर्ट पेश करे।
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गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाए थे गृह मंत्री अनिल देशमुख ने API सचिन वझे को 100 करोड़ रुपये वसूली का टारगेट दे रखा था। परमबीर ने दवा किया था की उन्होंने ये बात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी बताई थी लेकिन उसके कुछ दिनों बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 5, 2021