भोपाल. एक बार फिर एमपी परीक्षा के दौरान पूछा गया आपत्तिजनक सवाल विवादों के घेरे में आ गया है।इस बार ये सवाल एमपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा के सामाजिक विज्ञान के पेपर में पूछा गया है।जिसको लेकर जमकर बवाल मच गया है।जहां बीजेपी ने इसको लेकर सवाल उठाना शुरु कर दिया है वही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी नाराजगी जताई है। कमलनाथ ने लापरवाहों पर कार्रवाई कर निलंबित करने के निर्देश दिए है।
दरअसल, इन दिनों दसवी-बारहवी की बोर्ड परिक्षाएं चल रही है। मध्यप्रदेश शिक्षा मंडल के कक्षा 10वीं के सामाजिक विज्ञान परीक्षा के पेपर में प्रश्न नंबर चार में सही जोड़ी में मिलाने को लेकर आजाद कश्मीर का विकल्प दिया गया है, वहीं प्रश्न नंबर 26 में भारत के मानचित्र में ‘आजाद कश्मीर’ कहां पर है, यह पूछा गया है। सवालों को लेकर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में भी विवाद खड़ा हो गया है।बीजेपी सरकार का कहना है कि कांग्रेस तो सदा अलगाववादी को समर्थन करती है इसलिए कांग्रेस का ऐसा सवाल करना कोई बड़ी बात नहीं है।
सीएम ने दिए जांच के निर्देश
कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि एमपी बोर्ड की 10वी की परीक्षा के सामाजिक विज्ञान के पेपर में पूछे गये आपत्तिजनक प्रश्न पर मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने जतायी गहरी नाराज़गी , दिये कड़ी कार्यवाही के निर्देश।मुख्यमंत्री के निर्देश पर उक्त आपत्तिजनक प्रश्न सेट करने वाले अधिकारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
बीजेपी का पलट वार
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा की MP Board के 10वीं बोर्ड के सामाजिक विज्ञान परीक्षा के पेपर में आजाद कश्मीर को लेकर 2 सवाल पूछे गए| प्रश्न नंबर 4 में सही जोड़ी में मिलाने को लेकर आजाद कश्मीर का विकल्प दिया गया , वही प्रश्न नंबर 26 में भारत के मानचित्र में आजाद कश्मीर दर्शाने के लिए कहा गया है ।
ये वही भाषा है,जो लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन जी बोलते हैं,जिसे पाकिस्तान और अलगाववादी बोलते है,कुछ कांग्रेसी और वामपंथी बोलते हैं। ये कोई चूक नहीं सोची समझी नीति है। इसपर मात्र @OfficeOfKNath जी नहीं बल्कि सोनिया जी, @RahulGandhi @priyankagandhi जी भी जवाब दें।
7 दिन में माँगा जवाब
वही मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा १० के प्रश्नपत्र में बच्चों से भारत के नक़्शे में “आज़ाद कश्मीर’ चिन्हित करने के प्रश्न के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है, आयोग ने प्राथमिक रूप से इसे आपराधिक कृत्य मान कर धारा १३ CPCR अधिनियम में नोटिस जारी कर ७ दिन में सचिव माशिम से जवाब माँगा है ।