भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में 1 अप्रैल से स्कूल खोलने(school reopen) पर सहमति बन गई है। पिछले 1 साल से बंद पड़े स्कूल को एक अप्रैल 2021 से खोले जाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। इसके बाद अब बाल संरक्षण आयोग (Child Protection Commission) बच्चों के पक्ष में सामने आया है दरअसल बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) को पत्र लिखा है। इस पत्र में आयोग ने मांग की है कि पहले स्कूल का जायजा लिया जाए। उसके बाद इस पर निर्णय किया जाए।
दरअसल बाल संरक्षण आयोग ने शनिवार को स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार को पत्र लिखते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में एक बार फिर से संक्रमण की रफ्तार तेज हो रही है। स्कूल खोलने से पहले स्कूल का जायजा लेने के लिए अफसरों को भेजा जाए। अफसरों के जायजा लेने के बाद ही स्कूल में संक्रमण से बचाव के पर्याप्त इंतजाम है या नहीं इसकी पुष्टि की जाए। जिसके बाद स्कूल खोलने की अनुमति दी जाए।
इतना ही नहीं आयोग के सदस्य बृजेश चौहान (brijesh chauhan) द्वारा यह भी कहा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से जो आदेश जारी किए गए हैं। उसमें कहीं भी कोरोना गाइडलाइन (corona guideline) का पालन करने के निर्देश नहीं दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी निजी स्कूलों को होगी।
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वही बृजेश चौहान का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग अपने स्तर से तो स्कूलों का जायजा लेगी। बाल संरक्षण आयोग द्वारा भी स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही कोरोना संबंधित गाइडलाइन और s.o.p. के आधार पर स्कूलों की तैयारी को परखा जायेगा। आयोग द्वारा यह देखा जाएगा कि कोरोना संबंधित सभी मांगों पर स्कूल खरे उतरते हैं या नहीं। जिसके बाद आयोग स्कूल खोलने के फैसले पर सहमति देगा।
बाल संरक्षण आयोग ने शिक्षा मंत्री से 15 दिन में जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में 2 टीम तैयार करने की मांग की है। उसके साथ ही साथ दोनों टीम द्वारा सरकारी और निजी स्कूलों की जांच कराए जाने की भी बात कही है। बृजेश चौहान ने कहा कि स्कूल संबंधी रिपोर्ट देखने के बाद शासन को इस संबंध में आदेश जारी करना चाहिए।