भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही कांग्रेस (Congress) ने हिन्दूत्व कार्ड (Hindutva Card) खेलने का पूरा ताना बाना बुनना शुरू कर दिया है। आगामी दिनों में प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव (By-election) होने है। ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी (BJP) की राह अपना ली है। अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए भूमिपूजन से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भगवामय नजर आए। कांग्रेस का राम मय (Ram May) हो जाना यह बताता है कि कांग्रेस यह उपचुनाव जितने के लिए अपनी पुरानी परंपराओं को तोड़ हिंदुत्व को सहारा बनाने जा रही है। मकसद साफ है 2018 में जिस तरह हिंदुत्व के कार्ड (Hindutv Card) पर कांग्रेस की प्रदेश में 15 साल बाद वापसी हुई थी वही कार्ड कांग्रेस अब वापस से उपचुनाव में चलाने की तैयारी में है।
बीजेपी की राह पर कांग्रेस
दरअसल कांग्रेस का हिंदुत्व का रास्ता अपनाने का सबसे मुख्य कारण लगातार हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को मिल रहा जनसमर्थन है। बीजेपी हिंदुत्व के सहारे अब तक चुनाव जीतती हुई आई है। यही कारण है कि अब कांग्रेस ने भी बीजेपी की ही राह पकड़ ली है। जिसके बाद, राम मंदिर भूमि पूजन (Ram Mandir Bhoomi Poojan) से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Nath And PCC Chief Kamal Nath) ने अपने बंगले पर हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया था। वहीं घोषणा की थी कि मंदिर निर्माण में मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी 11 चांदी की ईंट दान देगी। वहीं मंदिर भूमि पूजन के दिन पूरी मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी राम मय हो गई थी। पीसीसी कार्यालय पर भगवान राम के पोस्टर लगाए गए। कार्यालय में दीप जला कर भगवान राम की पूजा अर्चना की गई। वहीं बैंड की धुन पर भजन की प्रस्तुतियां दी गई।
बीजेपी ने बताया पाखंड
भाजपा नेता कांग्रेस में आए इस बदलाव पाखंड बता रहें है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हितेष वाजपेयी (BJP State Spokesperson Dr. Hitesh Vajpayee) का कहना हैं कि कांग्रेस पार्टी उस स्थिति में पहुंच गई है कि उसे समझ ही नहीं आ रहा है कि क्या करें। उन्होंने कहा कमल नाथ दिन में हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। शाम को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राम दरबार सजाते हैं। वहीं, रात में मौलवियों को खुश करने के लिए उनके साथ बैठक करते हैं। अब तक अल्पसंख्यक राजनीति की नाव पर सवार रही कांग्रेस के इस रुख से लोग अचरज में हैं।
हालांकि कांग्रेस हमेशा से धर्मनिरपेक्षता की बात करती आई है, लेकिन हाल के दिनों में वह हिंदुत्व पर ज़्यादा जोर दे रही है। शायद कमल नाथ और कांग्रेस को अहसास है कि भाजपा को मात देने के लिए हिंदुत्व ही उसकी नैया पार लगा सकता है। लेकिन आने वाला समय ही बता पायेगा कि कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व मध्यप्रदेश में दोबारा उसकी ताजपोशी करवाता है या फिर 2024 का इंतज़ार।