भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश(Madhyapradesh) में आगामी उपचुनाव(Upcoming By-election) को देखते हुए राजनीतिक पार्टियां ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस (Madhya Pradesh Employees Congress) भी अपनी तैयारी में लगा हुआ है। उपचुनाव को एक मुद्दा बनाकर कर्मचारी कांग्रेस भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी में है। कर्मचारी कांग्रेस का कहना है कि कई महीनों से लंबित मांगों को सरकार अनदेखा कर रही है। जिससे कर्मचारियों में नाराजगी और असंतोष का भाव है। इसको लेकर अब प्रदेश स्तर पर कर्मचारी कांग्रेस आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
दरअसल मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस ने सोमवार से आंदोलन की शुरुआत की बात कही है। डिप्लोमा इंजीनियरों के आंदोलन के साथ-साथ सभी जिला एवं संभाग मुख्यालय पर 14 सितंबर से कर्मचारी आंदोलन शुरू होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस का कहना है साल में एक बार मिलने वाली वेतन वृद्धि पर सरकार मौन है। सातवें वेतनमान के ऐरिर को भी स्थगित कर दिया गया है। इसके साथ ही हजारों कर्मचारी की पदोन्नति के सेवानिवृत्ति हो गई है। बावजूद उन्हें उनका पदनाम बदलने सहित नया पदनाम नहीं दिया गया है। अनुकंपा नियुक्ति का उचित प्रावधान नहीं किया गया है।
जिसके साथ ही कर्मचारी कांग्रेस की यह भी मांग कि संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इसके साथ ही जिन्हें उनके पद से हटाया गया है। उन्हें वापस सेवा में लिया जाए। वही संविदा स्वास्थ्यकर्मी की मौत पर अभी तक बीमा राशि का लाभ नहीं दिया गया है। उन सदस्यों को बीमा राशि का लाभ मिले। अपने इस प्रमुख मांगों को लेकर कर्मचारी संघ आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chiefminiter Shivraj singh chouhan) से मुलाकात करेंगे।
बता दें कि मध्य प्रदेश में आगामी उप चुनाव को देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों को मनाने की कोशिश करेगी। कर्मचारियों की बात मानकर उन्हें साधना सरकार की सबसे बड़ी कोशिश रहेगी अन्यथा उपचुनाव में इसके परिणाम सामने आ सकते हैं। वहीं यदि कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होती है तो मुमकिन यह भी है कि कर्मचारी सत्ताधारी पार्टी के विपरीत चले जाएं। जिसको देखते हुए कर्मचारी संघ द्वारा उपचुनाव से पहले आंदोलन की बात कही गई है।