भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना संक्रमण (corona infection) के फैलाव को रोकने के लिए 1 मार्च से 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को कोरोना टीका (corona vaccine) लगेगा। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा राजधानी में 7 सरकारी और 8 निजी अस्पताल को कोरोना सेंटर (corona center) बनाया गया है। वही कलेक्टर अविनाश लवानिया (avinash lavania) ने बताया कि निजी कोरोना सेंटर पर हितग्राही को टीका लगवाने के लिए कुछ तय फीस देनी होगी।
इसके साथ ही कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका मुफ्त लगाया जाएगा। बता दें कि 1 मार्च से राजधानी में कोरोना टीका के लिए 15 सेंटर बनाए गए हैं। जिसमें 60 से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इसके अलावा हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग, किडनी रोग से पीड़ित 45 से 60 साल तक के लोगों को भी कोरोना टीका लगेगा। हालाकि को-मोर्बिडिटी पेशेंट को टीकाकरण के लिए एमसीआई क्वालीफायर डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन फॉर्म लगाना होगा।
बता दे कि राजधानी के एजेंट सरकारी अस्पतालों को फ्री कोरोना टीकाकरण के लिए चुना गया है। उसमें गांधी मेडिकल कॉलेज, सिविल हॉस्पिटल बैरागढ़, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गांधीनगर, सिविल हॉस्पिटल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार, भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस को शामिल किया गया है।
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वहीं भारत सरकार द्वारा तय फीस के साथ कोरोना टीकाकरण के लिए चिरायु मेडिकल कॉलेज, एलएन मेडिकल कॉलेज, आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज, एमआईएमएस, नेशनल हॉस्पिटल, नोबेल हॉस्पिटल आदि का चयन किया गया है। जिसके लिए कोराना टीकाकरण कराने वाले लोगों को ढाई सौ रुपए देने होंगे। इसके अलावा टीकाकरण के लिए कुछ दस्तावेजों को वैधता मिली है। जिसमें आधार कार्ड, मतदाता, परिचय पत्र, पासपोर्ट, एनपीआर स्मार्ट कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि को वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन के लिए पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
बता दे कि एक बार फिर से मध्यप्रदेश में कोरोना अपने पांव फैला रहा है। प्रदेश के 52 जिले में से 40 जिले में शनिवार को संक्रमित मरीज मिले हैं। मध्य प्रदेश में अब तक कुल 2 लाख 61 हजार 400 गुना संक्रमित पाए गए हैं। जिसमें से 2 लाख 54 हजार 874 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 3861 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है। वहीं प्रदेश में एक्टिव केसों की बात करें तो 2666 एक्टिव मध्य प्रदेश में इलाज रहते हैं। वही करीबन 3000 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।