भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pardesh) में शिवराज सरकार (shivraj government) ने संविदा कर्मचारियों (Contract employees) को बड़ी राहत दी है। दरअसल प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण (Regularization) का रास्ता साफ हो गया है। नए प्रावधान से जो संविदा कर्मचारी जहां कार्यरत है। उसे वहीं पर नियमित किया जाएगा।
इसके साथ ही राज्य सहकारी विपणन संघ ने सहकारिता विभाग के 101 संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया है। राज्य सहकारी विपणन संघ (State cooperative marketing association) ने जून 2018 के संविदा नियमों को आधार बनाकर नियम में कुछ बदलाव किए थे।
जिसके बाद सहकारिता विभाग के कर्मचारियों को नियमित किया गया है। इस मामले में मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि जीएडी ने तमाम विभागों से संविदा कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके बावजूद विभाग वालों को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
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बता दें कि 12 साल से संविदा कर्मचारियों द्वारा राज्य शासन से उन्हें नियमित करने की मांग की जा रही है। जिसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जून 2018 में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए नए नियम बनाए गए थे। अब इन नियमों में प्रावधान किया जा रहा है।
जिसके बाद जिस विभाग में संविदा कर्मचारी संविदा पर काम कर रहे, उन्हें नियमित किया जाएगा। साथ ही जिस विभाग में नियमित पदों की भर्ती निकलेगी। उसमें 20% संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए आरक्षित होगी। इसके अलावा 5 साल से अधिक समय तक विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारी को विभागीय सेटअप में बदलाव कर प्रशासनिक विभाग उन्हें नियमित कर सकेगा।
गौरतलब हो कि मध्यप्रदेश में राज्य शिक्षा केंद्र में 7000 से अधिक संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अलावा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 18000, ऊर्जा विभाग में 7000, युवा कल्याण विभाग में 12000, स्वास्थ्य विभाग में 24000 से अधिक संविदा कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है। अब ऐसे में मार्कफेड द्वारा विभागीय सेट में बदलाव कर संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ किया गया है।