भोपाल। उपचुनाव (BY Election) से पहले मध्यप्रदेश (Madhypradesh) की राजनीति में उथल-पुथल का सिलसिला जारी है।कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है।अब मंधाता विधानसभा से कांग्रेस विधायक नारायण पटेल (Congress MLA narayan patel) ने इस्तीफा दे दिया है। नारायण पटेल ने अपना इस्तीफा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सौंपा है और शर्मा ने इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है।वही पटेल बीजेपी में शामिल हो गए है। पटेल के इस्तीफे के बाद अब 27 सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है और अब कांग्रेस के बाद 89 विधायक बच गए है।
विधायक के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया है।वही सुबह से ही मीडिया में खबरे थी कि निमाड़ से कांग्रेस के दो विधायक रात से गायब है और उनका फोन भी स्वीच ऑफ आ रहा है। कांग्रेस नेता लगातार इन विधायकों से संपर्क करने की कोशिश मे लगे हुए थे लेकिन कोई संपर्क नही हो पा रहा था, ऐसे में पटेल के इस्तीफे ने कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया है।वही मीडिया में कई दिनों से चार-पांच कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में संपर्क में होने की खबर सामने आ रही थी। अब कुछ दिन से प्रदेश की राजनीति में ये हलचल थी कि कांग्रेस के पांच विधायक बड़ा झटका दे सकते हैं। इनके भाजपा में शामिल हाेने का दावा किया जा रहा है। इनमें बुंदेलखंड से 4 और महाकौशल से 1 विधायक भाजपा के संपर्क में होने की खबरें हैं, ऐसे में नारायण पटेल के इस्तीफे ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है।
इससे पहले हाल ही में कांग्रेस के दो विधायकों नेपानगर से सुमित्रा देवी और बड़ामलहरा से प्रद्युमन सिंह लोधी ने इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद आनन-फानन में कांग्रेस के पीसीसी चीफ कमलनाथ ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमें 90 में से केवल 60-65 विधायक ही पहुंचे थे, और फिर बैठक के दूसरे दिन ही पिछोर से कांग्रेस विधायक केपी सिंह गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने उनके बंगले पहुंचे थे।इसके बाद से ही कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि और विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते है।
आज ही बीजेपी को कांग्रेस ने दिया था झटका
आज दोपहर में ही कांग्रेस ने सिंधिया के गढ़ में सेंध लगाई थी। कांग्रेस ने बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए गुना के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल को पार्टी में शामिल कर लिया था। केएल अपने 400 समर्थकों के साथ पीसीसी चीफ कमलनाथ के नेतृत्व में शामिल हुए थे और शाम होने से पहले ही बीजेपी ने इसका बदला लेते हुए एक विधायक तोड़ लिया और अपनी पार्टी में शामिल कर लिया।एक के बाद एक विधायकों के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस में संगठन पर सवाल खड़े हो रहे है।हालांकि वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह इस बात को लेकर खुलकर मीडिया में भी बयान दे चुके है।
मंत्री ने पहले ही किया था बडा दावा
बता दे कि हाल ही में मुरैना की वर्चुअल रैली में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री ऐंदल सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि उपचुनाव(by-election) से पहले अभी भी उनके संपर्क में 15 ऐसे कांग्रेसी विधायक हैं जो बीजेपी में शामिल होने की ख्वाहिश रखते हैं।इसके साथ ही ऐंदल सिंह ने यह भी कहा था कि अगर बीजेपी आलाकमान का आदेश हो तो वह 15 के 15 कांग्रेसी एमएलए को बीजेपी में शामिल करा सकते हैं।इस घटनाक्रम को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
कांग्रेस को बड़ा झटका, 27 सीटों पर उपचुनाव
नेपानगर से सुमित्रा देवी और बड़ामलहरा से प्रद्युमन सिंह लोधी के बाद अब पटेल के इस्तीफे के बाद 27 सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है। इससे पहले होली के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 विधायकों ने बगावत करके कांग्रेस से इस्तीफे दे दिया था और मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार(kamalnath sarkar) अल्पमत में आ गई और गिर गई थी। इसके बाद बीजेपी ने सरकार बना ली थी। वर्तमान में 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 92 हो गई थी। लेकिन पटेल के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 89 हो गई है। वही बीजेपी विधायकों की संख्या 107 है, अब 24 की जगह 27 सीटों पर उपचुनाव होंगे।यही चुनाव तय करेंगे कि कांग्रेस एमपी में वापसी करेगी या फिर बीजेपी सरकार बचाने में कामयाब होगी।
(भोपाल से पूजा खोदाणी की रिपोर्ट)