सांसद सिंधिया ने ग्वालियर में हैरिटेज ट्रेन चलाने रेल मंत्री को लिखा पत्र, दिया ये सुझाव

Atul Saxena
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ज्योतिरादित्य सिंधिया

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सिंधिया रियासत (Scindia State) द्वारा शुरू की गई ग्वालियर की छुक छुक गाड़ी यानि नेरोगेज ट्रेन (Nerogej Train) को नये नाम और नये प्रयोजन के साथ चलाने की मांग राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)ने की है। उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal)को पत्र लिखकर इस अनुरोध की स्वीकार करने का निवेदन किया है।

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को पत्र लिखकर उसमें तीन मांग की हैं। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन (Gwalior Railway Station) के डिजाइन में बदलाव का अनुरोध किया है। सिंधिया ने लिखा कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग हैरिटेज बिल्डिंग (Heritage Building) है। स्टेशन के जीर्णोद्धार के उद्देश्य से 240 करोड़ रुपये की योजना का डिजाइन बनाया गया है। चूंकि बिल्डिंग ऐतिहासिक है इसलिए अनुरोध है कि डिजाइन में ऐसा बदलाव किया जाए कि विरासत और आधुनिक डिजाइन का मिश्रण बना रहे। एक अन्य मांग करते हुए सिंधिया ने लिखा कि मेरे प्रयास से ग्वालियर से श्योपुर नेरोगेज लाइन (Nerogej Line) के स्थान पर ग्वालियर श्योपुर कोटा तक ब्रॉडगेज (Broad gej Line) लाइन की स्वीकृति प्रदान की गई है जिसका कार्य प्रगति पर है मेरा निवेदन है कि इस प्रोजेक्ट के तीव्र क्रियांवयन की योजना बनाएं। क्योंकि इस साल के बजट में अधिक राशि की जरूरत है।

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने एक और महत्वपूर्ण मांग करते हुए कहा कि जिस नेरोगेज ट्रेन को हटाया गया है वो ग्वालियर आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि नेरोगेज ट्रेन (Nerogej Train) को ग्वालियर में हेरिटेज (Heritej Train) ट्रेन के रूप में चालू रखा जाए। पर्यटन विकास की दृष्टि से उसे और अधिक सुविधजनक एवं विकसित कर IRCTC/MPTDC के संयुक्त उपक्रम के रूप में संचालित किया जा सकता है।

सांसद सिंधिया ने ग्वालियर में हैरिटेज ट्रेन चलाने रेल मंत्री को लिखा पत्र, दिया ये सुझाव

 

दरअसल ग्वालियर चंबल अंचल में रेल सेवाएं सिंधिया रियासतकाल में भी थी सिंधिया रेलवे यहाँ नेरोगेज ट्रेन (Nerogej Train) का संचालन करती थी। बाद में भारतीय रेल ने इसकी जिम्मेदारी संभाल ली। तब से नेरोगेज ट्रेन (Nerogej Train) का संचालन जारी है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी कारणों और अन्य कई बुनियादी परेशानियों के चलते रेलवे ने नेरोगेज ट्रेन (Nerogej Train) का संचालन बंद कर दिया। जबकि ये ट्रेन ग्वालियर चंबल अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों की लाइफ लाइन थी। अब एक बार फिर इसे नये तरीके से चलाने की मांग उठी है। उम्मीद की जा सकती है कि रेलवे इस अनुरोध को स्वीकार करेगा।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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