MP की महिलाएं चलायेंगी कमर्शियल वाहन, परिवहन मंत्री ने बताई प्लानिंग

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) महिलाओं को आत्मनिर्भर (self Dependent) बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है। परिवहन विभाग (Transport Department) ने इसमें कदम बढ़ाते हुए महिलाओं के लिये व्हीकल ड्राइविंग ट्रेनिंग (Vehicle Driving Training) की शुरुआत की है। परिवहन मंत्री का कहना है कि हम चाहते हैं कि जैसे विदेश में महिलाएं कमर्शियल और सवारी वाहन चलाती है मध्यप्रदेश की महिलाएं भी वैसी ड्राइविंग करें।

प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput)ने चुनिंदा मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ग्वालियर व्यापार मेले (Gwalior Trade Fair) में वाहनों की बिक्री पर रजिस्ट्रेशन में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है लेकिन इस छूट का लाभ तभी मिलेगा जब वाहन ग्वालियर से ही खरीदा जाए। उन्होंने ग्वालियर व्यापार मेले (Gwalior Trade Fair) की बात करते हुए कहा कि वे जब छोटे थे तब उन्होंने यहाँ ऊँट, घोड़े बिकते देखे हैं। जब वे कॉलेज में पढ़ते थे तब उनके पिताजी ने इस मेले से दो महिंद्रा जीप खरीदी थी। इसलिए ग्वालियर मेला देखने आइये, शॉपिंग कीजिये, वाहन खरीदिये और छूट का लाभ उठाइये।

परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) ने बताया कि हमने मध्यप्रदेश में पहली बार महिलाओं के लिए व्हीकल ड्राइविंग ट्रेनिंग (Vehicle Driving Training) शुरू की है। जैसे विदेशों में महिलाएं सभी तरह के सवारी और कमर्शियल वाहन बस,ट्रक आदि चलाती हैं हम चाहते हैं कि मध्यप्रदेश की महिलाएं भी वाहन चलाएं। उन्होंने कहा कि अभी हमने इंदौर में इसकी शुरुआत की है और जल्दी ही सभी संभागों पर इस तरह के व्हीकल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (Vehicle Driving Training Centre)) खोले जायेंगे।

गौरतलब है कि परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) रविवार को ग्वालियर दौरे पर थे। वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के साथ ग्वालियर व्यापार मेला (Gwalior Trade Fair) के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए उन्होंने अपने विभाग के ग्वालियर मेला कैंप का भी अवलोकन किया और मेले में बिकने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी देखा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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