भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश की भाजपा नेता इमरती देवी (imarti devi) एक बार फिर से चर्चा में आ गई है। हालांकि इस बार उनकी चर्चा का विषय मंत्री पद अथवा सरकारी गतिविधि नहीं बल्कि एक ऐसी लापरवाही है। जिनकी वजह से फर्जीवाड़ा के आरोप में सस्पेंड (suspend) हुए दो अफसरों की फिर से बहाली हो गई है। हालांकि इस मामले में इमरती देवी का कहना है कि गलती उनकी तरफ से नहीं बल्कि विभाग की तरफ से हुई है।
दरअसल मध्य प्रदेश में लॉकडाउन (lockdown) के दौरान पोषण आहार में गड़बड़ी मामले में दो अफसरों को सस्पेंड किया गया था। हालांकि 90 दिन के भीतर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सस्पेंड हुए अफसरों की चार्जशीट (chargesheet) जारी नहीं हो पाई। जिस वजह से इन दोनों अफसरों की पुनः बहाली हो गई है। अब मामले के सामने आने पर विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि इस मामले में नए सिरे से कार्रवाई की जाएगी।
Read More: रामयश शर्मा से मारपीट के मामले में सात लोग गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
ज्ञात हो कि लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र के हितग्राहियों से 6 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए रेडी टू ईट (Ready to eat) पोषण आहार दिया जाना सुनिश्चित किया गया था। इसके लिए बच्चे को 1 किलो 200 ग्राम और गर्भवती मां को डेढ़ किलो अनाज दिए जाने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद भी खंडवा जिले में आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा सिर्फ 200 से 300 ग्राम में पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा था। वही फर्जीवाड़ा मामले में दो अधिकारी अंशुबाला महेश और हिमानी राठौर को 16 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था।
वही चार्जशीट की फाइल अनुमोदन के लिए विभाग के मंत्री इमरती देवी के पास पहुंची थी। इसके साथ ही 90 दिन बीत जाने के बाद 18 दिसंबर को महिला एवं बाल विकास विभाग के पास लौटी तब तक 90 दिन का समय बीत चुका था।मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के तहत सस्पेंड होने के 90 दिन तक यदि चार्जशीट जारी नहीं की जाती है तो निलंबन स्वयं ही खत्म कर दिया जाता है और अफसरों की बहाली हो जाती है। इस को आधार बनाकर अधिकारी अंशुबाला महेश ने खुद अपनी बहाली का आर्डर करके विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दिया था।
इमरती देवी ने आरोप को किया ख़ारिज
इधर इस मामले में इमरती देवी का कहना है कि चार्जशीट के अनुमोदन की फाइल उनके पास नहीं थी। यह फाइल मुख्यमंत्री के पास रुक गई होगी। इसके साथ ही इमरती देवी ने कहा के इस मामले में उनका कोई हस्तक्षेप नहीं है। विभाग के अधिकारी इस मामले की देखरेख कर रहे हैं। वही विभाग के अधिकारी का क्या नाम है अनुमोदन के लिए फाइल मंत्री इमरती देवी के पास पहुंची थी लेकिन तय अवधि में आरोप पत्र विभाग नहीं पहुंचा। जिसके बाद नियमानुसार निलंबित हुए अफसरों की बहाली हो गई। अब इस मामले में सस्पेंड अधिकारी की बहाली के बाद प्रमुख सचिव ऑफिस के उप सचिव और आईएएस अधिकारी ने खंडवा कलेक्टर को इसकी जानकारी दी है और इसके साथ ही साथ विभाग द्वारा कहा गया है कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इमरती देवी पर साधा निशाना
मामले के सामने आने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इमरती देवी सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है एमपी कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि मंत्री इमरती देवी का हाथ भ्रष्टाचारियों के साथ है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) पर निशाना साधते हुए कहा है भ्रष्टाचारियों के स्थाई प्रति के सहारे वह मध्यप्रदेश में कब तक सरकार चला पाएंगे। एमपी कांग्रेस ने सवाल करते हुए कहा है कि महामारी में अपनी विधायकी बेचने वाली सिंधिया समर्थक ने 50 दिन फाइल रोककर बच्चों के पोषण आहार में गड़बड़ी करने वाले को बचाया है।
मंत्री इमरती का हाथ,
भ्रष्टाचारियों के साथ;महामारी में अपनी विधायकी बेचने वाली सिंधिया समर्थक ग़ैर विधायक मंत्री ने एक फ़ाईल 50 दिन रोंककर बच्चों के पोषण आहार में गड़बड़ी करने वालों को बचाया..?
शिवराज जी,
भ्रष्टाचार के इन स्थाई प्रतीकों के सहारे कब तक सरकार चलाओगे..? pic.twitter.com/zC3nZbV8jy— MP Congress (@INCMP) January 2, 2021