भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में बजट सत्र (budget session) से पहले कई तरह की योजनाओं में बदलाव किए जा रहे हैं। इसके लिए मसौदा (draft) तैयार किया जा रहा है। वहीं नई योजनाओं को लागू करने की भी तैयारियां की जा रही है। इसी बीच शिवराज सरकार (shivraj government) अपने एक और योजना को बदलने जा रही है। दरअसल मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना (Chief Minister Kanya Vivah Nikah Yojana) के पात्रता शर्तों को बदला जा रहा है।
इसके मुताबिक अब मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में आयकरदाता (IT payer) और गरीबी रेखा से ऊपर वाले (APL) वर्ग बाहर होंगे। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का लाभ अब सिर्फ संबल योजना में पंजीकृत और बीपीएल व्यक्ति ही ले पाएंगे। इसके साथ ही अब सिर्फ एक ही बार योजना की पात्रता प्रोत्साहन राशि व्यक्ति को मिलेगी। एक बार लाभ लेने के बाद व्यक्ति दूसरी बार इस योजना के लाभ के लिए पात्रता नहीं रखेगा।
वही इस योजना के तहत विवाह या निकाह के 9 बड़े मुहूर्त मिलने की बजाए दो ही मौके दिए जाएंगे। जिसमें सामूहिक विवाह या निकाह किया जाएगा। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा इसकी तैयारी कर ली गई है जल्द इसे शिवराज कैबिनेट में मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद इसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। वहीं संशोधन के बाद यही योजना 2021-22 के लिए लागू होगी।
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बता दें कि इस योजना के तहत अभी एक से अधिक बार शादियां की जा सकती है। वहीं एक से अधिक बार शादी किए जाने वाला व्यक्ति हर बार प्रोत्साहन राशि की पात्रता रखता था। अब इस योजना में संशोधन होने के बाद कोई भी व्यक्ति सामूहिक विवाह-निकाह योजना का एक बार ही लाभ ले सकेगा और दूसरी बार से वह अपात्र माना जाएगा।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री विवाह निकाह योजना में हर साल 200 से 250 रोड़ रुपए के खर्च सामने आते हैं। वहीं नए प्रावधानों के साथ सरकार को 50 से अधिक करोड़ रुपए की बचत होगी। इससे पूर्व 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से सामूहिक विवाह निकाह योजना के तहत कोई विवाह निकाह का आयोजन नहीं किया गया था।
इसके साथ ही कांग्रेस की पिछली सरकार के समय करीबन 46 हजार से अधिक विवाह निकाह हुए थे। जिसके पात्रता रखने वाली कन्या को अबतक इस योजना की राशि नहीं पहुंची है। ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा यह नया प्रावधान बचत के साथ-साथ बकाए की वसूली में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।