मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण(OBC Reservation) को लेकर अब राजनीति छिड़ गई है। नेताओं द्वारा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। ओबीसी आरक्षण पर हाई कोर्ट की सुनवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(Former Chief Minister Kamal Nath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) को पत्र लिखा था। जिसका जवाब देते थे अब सीएम शिवराज(CM Shivraj) ने कमलनाथ पर निशाना बोला है। शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि जब आप सरकार में थे यदि तब आपने उचित प्रयास किए होते तो आज यह स्थिति नहीं होती। इसलिए प्रदेश में भ्रम फैलाना बंद करें।
दरअसल शनिवार को शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण पर 8 महीने तक कांग्रेसी सरकार ने कोर्ट के समक्ष कोई जवाब पेश नहीं किया था। इसके साथ ही कोर्ट की तरफ से मिल रहे स्टे को समाप्त कराने के लिए भी कमलनाथ सरकार ने कभी कोई कदम नहीं उठाए। शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार कोर्ट की सुनवाई के दौरान कांग्रेस सरकार के महाधिवक्ता तक कोर्ट में उपस्थित नहीं रहे। वही कोट की याचिका में भी कांग्रेस की तत्कालीन सरकार की ओर से कोई उत्तर पेश नहीं किया गया था। अगर कांग्रेस ने उस वक्त समुचित ढंग से प्रयास किए होते तो आज यह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में कहा कि मध्यप्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर व ओबीसी के लिए बीजेपी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। महामारी के इस दौर में भी बीजेपी सरकार ने उनके हित के लिए काम किए हैं। जबकि कांग्रेस सरकार ने सिर्फ जनता में भ्रम फैलाने का काम किया है। ऐसी स्थिति में कमलनाथ को इस मुद्दे पर बोलने का हक नहीं होना चाहिए। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यदि 15 महीने में कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में ओबीसी जातियों की स्थिति सुधारने के लिए कोई काम किए होते तो आज इसकी नौबत ही नहीं आती।
बता दे कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पिछड़े वर्ग ओबीसी को सरकारी नौकरी में पड़े हुए 27% आरक्षण पर रोक बरकरार रखा है। सुनवाई में जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा था कि बड़े हुए 27% पर अभी रोक जारी रहेगी। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होनी है।जिसके बाद से प्रदेश में इस मुद्दे को लेकर राजनीति छिड़ गई थी। जहां एक तरफ कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि सरकार के राज में ओबीसी के साथ अन्याय हो रहा है। वहीं पिछड़े वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। इससे पहले प्रदेश में कमलनाथ सरकार के आने के बाद ओबीसी के आरक्षण कोटा को 14% से बढ़ाकर 27% करने का फैसला लिया गया था। जिसके बाद 11 याचिका दायर कर कोर्ट में कमलनाथ सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई थी। अब इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के लिए पत्र का जवाब दिया है।