ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर चंबल संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयारोग्य अस्पताल समूह के आईसीयू में उस समय भगदड़ मच गई जब वहाँ आक्सीजन खत्म हो गई। यहाँ 60 गंभीर मरीज भर्ती थे, परिजन उन्हें लेकर अस्पताल की दूसरी बिल्डिंग की तरफ भागे। इसी भागदौड़ में दो मरीज जिंदगी हार गए और उनकी मौत हो गई।
ग्वालियर में शुक्रवार की देर शाम चार प्राइवेट अस्पतालों परिधि अस्पताल, सुविधा अस्पताल, सराफ अस्पताल, माहेश्वरी अस्पताल के बाद देर रात ऋशिश्वर अस्पताल में भी आक्सीजन की कमी के चलते हालात बेकाबू हो गए। कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधायक प्रवीण पाठक, विधायक सतीश सिकरवार,पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने मिलकर मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रित कर इन अस्पतालों में आक्सीजन की कमी पूरी कराई।
प्राइवेट अस्पतालों में रात के लिए आक्सीजन की कमी को पूरा करने के बाद कलेक्टर एवं मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एम के एयर प्लांट पर आक्सीजन प्रोडक्शन देखने और सिलेंडर भिजवाने के लिए बैठे रहे। कुछ देर बार लगभग आधी रात को जेएएच के मेडिसिन आईसीयू में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने की सूचना ने वहाँ भगदड़ मचा दी। मरीजों के परिजन स्ट्रेचर पर वेंटीलेटर सहित पत्थर वाली बिल्डिंग की ओर भागे। आईसीयू में मौजूद स्टाफ डॉक्टर आदि भी मरीजों को सहारा देते नजर आये। करीब दो घण्टे में मरीजों को दूसरी यूनिट में शिफ्ट किया गया। लेकिन जिस समय शिफ्ट किया जा आरहा था वो दृश्य आँखों के लिए बहुत कष्टकारी था।
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किसी मरीज को अम्बु बैग से आक्सीजन दे जा रही थी तो किसी के लिए वेंटिलेटर शिफ्ट किया जा रहा था । व्हील चेयर पर बैठे मरीज अपने साथ पोर्टेबल आक्सीजन कंसंट्रेटर का बोझ भी साथ में लेकर चल रहे थे ताकि उनकी सांसों का वजह शरीर झेल सके। लेकिन इस भागदौड़ में दो मरीजों की सांस उखड़ गई और उनकी मौत हो गई। नया बाजार निवासी 65 वर्षीय राजकुमार बंसल आपागंज निवासी 75 वर्षीय फुंदन हसन की मौत हो गई। बंसल को फेंफड़ों में संक्रमण था और हसन हार्ट पेशेंट थे।
जयारोग्य अस्पताल के आईसीयू में आक्सीजन की कमी की सूचना शहर में आग की तरफ फैली। कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक, कांग्रेस विधायक सतीश सिंह सिकरवार मौके पर पहुंचे। सभी ने राजनीतिक भेदभाव भूलकर मरीजों की मदद की उन्हें सांत्वना दी।
यहाँ खास बात ये है कि पूरे मामले में अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है। डॉक्टर्स के एक व्हाट्स एप ग्रुप में एक डॉक्टर प्रभु ने शाम 5:21बजे ही लिख दिया था कि आक्सीजन कम हो रही है उसके बावजूद किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया और हालात रात को गंभीर हो गए जिसने दो मरीजों की जान ले। ली।