दिव्यांग तैराक सत्येंद्र लोहिया ने फिर बनाया रिकॉर्ड, समुद्र में 36 किलोमीटर लम्बा चैनल किया पार, शिवराज ने दी बधाई

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक सत्येंद्र सिंह लोहिया (Para swimmer Satyendra Singh Lohia) ने अरब सागर के 36 किलोमीटर लम्बे अरब सागर के दुर्गम चैनल को पार कर एक रिकॉर्ड बनाया है। सत्येंद्र ने समुद्र में धरमतर जेट्टी से गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई तक 36 किमी का सफर 10 घंटे 3 मिनट में तैरकर रिकॉर्ड स्थापित किया (Satyendra sets a record by swimming 36 km in the sea from Dharmattar Jetty to Gateway of India Mumbai in 10 hours 3 minutes) है।  सत्येंद्र की इस सफलता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें बधाई दी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतरराष्ट्रीय पैरा तैराक दिव्यांग सत्येन्द्र सिंह लोहिया को बधाई देते हुए ट्वीट किया – भिंड के प्रतिभावान अंतरराष्ट्रीय पैरातैराक सतेंद्र सिंह लोहिया ने भारत में समुद्र की सबसे चुनौतीपूर्ण चैनल धरमतर जेट्टी से गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई तक 36 किमी 10 घंटे 3 मिनट में तैरकर रिकॉर्ड स्थापित किया। हम सभी गौरवान्वित हैं। आपको शुभकामनाएं, ह्रदय से अभिनंदन।

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मुख्यमंत्री ने अगले ट्वीट में लिखा – लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। कवि श्री सोहनलाल द्विवेदी की पंक्तियां सतेंद्र के साहस और संकल्प से जीवंत हो उठी हैं। परिश्रम की पराकाष्ठा, लगन व समर्पण से आपने देश के युवाओं को प्रेरित किया है। ये सफलता युवाओं का मार्गदर्शन करती रहेगी।

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गौरतलब है कि सत्येंद्र सिंह लोहिया भिंड जिले के ग्राम गाता के मूल निवासी हैं। सत्येंद्र ने ग्वालियर में अपनी पढाई पूरी की है। वे इससे पहले अमेरिका में 42 किलोमीटर के कैटरीना चैनल को सिर्फ 11 घंटे 34 मिनट में तैरकर पार करने वाले पहले एशियाई दिव्यांग तैराक बने थे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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