इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की धार्मिक नगरी इंदौर (Indore) में दशानंद रावण का दहन न किया जाये इसे लेकर एक रावण भक्त ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। दरअसल, याचिका में जिन तथ्यों को आधार बनाया गया है उसमें वायु प्रदूषण सबसे महत्वपूर्ण बिंदु माना गया है। इंदौर के परदेशीपुरा क्षेत्र में रहने वाले रावण भक्त महेश गौहर (Ravana devotee Mahesh Gauhar) को उनकी भक्ति के लिए न सिर्फ प्रदेश बल्कि समूचे देश मे जाना जाता है और अब वो चाहते है कि इंदौर में जगह – जगह होने वाले रावण के पुतले के दहन पर रोक लगे लिहाजा, उन्होंने हाइकोर्ट एडवोकेट हरीश शर्मा (High Court Advocate Harish Sharma) के माध्यम में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में याचिका लगाई है।
लंकेश भक्त महेश गौहर ने बताया कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के एडवोकेट हरीश शर्मा के माध्यम से हमने सिविल सूट लगाया था और न्यायालय में 2 वर्ष पहले लगाई याचिका की अगली तारीख 19 नवंबर 2020 है। वही एडवोकेट हरीश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में भी वाद प्रस्तुत किया है। महेश गौहर ने बताया वाद में हमने बताया है कि इंदौर शहर के प्रदूषण इतना बढ़ गया है, जंगल पूरी तरह से कट गए है और कालोनियां विकसित हो रही है। रोड़ बन गए है और बड़ी संख्या में पेड़ भी कट गए है। वही पर्यावरण दूषित हो गया है। ऐसी स्थिति में जब रावण का दहन किया जाएगा और रावण के पुतले में पोटैशियम और लाखों करोड़ों रुपये बारूद जला देते है। वो बारूद यदि हम दुश्मन देशो पर दागेगे तो हमारी फतह पूरी दुनिया मे होगी लेकिन हम ऐसा न करते हुए इस देश मे रावण के पुतले के दहन के रूप में लाखों करोड़ों रुपये का बारूद जला देते है जिससे पर्यावरण दूषित होता है।
उन्होंने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली,मुंबई कोलकाता जैसे बड़े शहरों में वायु प्रदूषण फैल रहा है और इस सूची में इंदौर का भी नाम है। महेश गौहर की माने तो इंदौर में वायु प्रदूषण के कारण यहां की हवा जहर घुल गया है ऐसी स्थिति में रावण का दहन न किया जाए तो अच्छा होगा। वही रावण भक्त की माने तो जिस तरह से कोरोना काल मे लोग बचाव के लिए उबले पानी की बॉटल लेकर चल रहे है वैसे ही बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते आक्सीजन पाने के लिए लोगो को अलग से ऑक्सीजन मास्क लेकर चलना पड़ेगा। इसलिए दशहरे पर रावण का दहन न किया बेफिजूल बारूद को न जलाया जाए। रावण भक्त महेश गौहर इसके पहले भी हर वर्ष दशहरे पर रावण की महापूजा कर लोगो से निवेदन करते है कि रावण का दहन न किया जाए लेकिन बावजूद उसके ऐसा नही होता है लिहाजा, उन्हें मजबूरन कानूनी रास्ता अपनाना पड़ा है।