रायपुर डेस्क रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भूपेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के एक ट्वीट ने सियासी हलचल मचा दी है। दरअसल मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रहे सिंहदेव (Health Minister TS Singh Deo) इन दिनों सरकार से अच्छे खासे नाराज हैं। उनकी नाराजगी का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है।
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दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव (chhattisgarh assembly election) में कांग्रेस की ताजपोशी के बाद मुख्यमंत्री (CG CM) पद के प्रबल दावेदारों में टीएस सिंह देव भी थे। लेकिन तब यह माना गया कि ढाई- ढाई साल के फार्मूले के आधार पर पहले भूपेश और फिर टीएस सिंह देव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। भूपेश का पौने तीन साल का टाइम पूरा हो चुका है लेकिन सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाने की बात दूर दूर तक नजर नहीं आती।
पिछले दिनों जब भूपेश को लेकर दिल्ली (Delhi) दरबार से भी नकारात्मक सुर सुनाई दिए थे, तो एक बार फिर सिंहदेव समर्थक उत्साहित हुये थे। लेकिन सरगुजा के विधायक बृहस्पत सिंह ने जिस तरह से सार्वजनिक रूप से सिंहदेव के ऊपर खुद पर जानलेवा हमला कराने और असामाजिक तत्वों को संरक्षण देने के आरोप लगाए उसे लेकर सिंहदेव काफी आहत हो गए। यहां तक कि उन्होंने विधानसभा तक में से यह कहकर बाय काट कर दिया कि पहले उनके मामले में सरकार स्पष्टीकरण दें।
अब मंगलवार को उनके एक ट्वीट ने एक बार फिर सियासी तूफान मचा दिया है। हालांकि ट्वीट राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी को उनकी जयंती पर नमन करते हुए लिखा गया है और ट्वीट स्व. मैथिलीशरण गुप्त जी की ही कविता का अंश है। लेकिन साफ तौर पर यह भूपेश को चुनौती दे रहा है। ट्वीट में मैथिलीशरण गुप्त की निम्न पंक्तियों को उद्धत किया गया है ‘अधिकार खोकर बैठे रहना, यह महा दुष्कर्म है। न्यायार्थ अपने बंधुओ को भी दंड देना धर्म है। इस तथ्य पर ही कौरवों से पांडवों से रण हुआ, जो भव्य भारतवर्ष के कल्पान्त का कारण हुआ।’
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जाहिर सी बात है कि अब स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव आर पार की लड़ाई के मूड में है और आने वाले दिनों में उनके तेवर और तल्ख होंगे। ऐसे में बीजेपी खेमे में भी हलचल होना स्वाभाविक है जिसकी दृष्टि हमेशा कांग्रेस (Congress) की टूटती और कमजोर होती सरकारों पर रही है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार (Bhupesh Sarkar) किस तरह से इन मुसीबतों का सामना करके स्थाई रह पाती है।
अधिकार खो कर बैठ रहना, यह महा दुष्कर्म है;
न्यायार्थ अपने बन्धु को भी दण्ड देना धर्म है।
इस तत्व पर ही कौरवों से पाण्डवों का रण हुआ,
जो भव्य भारतवर्ष के कल्पान्त का कारण हुआ।।कवि श्रेष्ठ पद्मभूषण श्री मैथलीशरण गुप्त जी को उनकी जयंती पर करबद्ध नमन। pic.twitter.com/SIaCDiXLR3
— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) August 3, 2021