इंदौर।आकाश धोलपुरे।
इंदौर में तुलसी के आंगन में प्रेम की ऐसी बयार चल रही है मानो उपचुनाव शुरू हो गए हो और ये ही वजह है बीते 3 दिनों से इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट को लेकर प्रदेश में राजनीति अम्फान तूफान पश्चिम बंगाल की बजाय मध्यप्रदेश में आ गया हो। दरअसल, पहले सिलावट ने सांवेर के कद्दावर कांग्रेसियों को बीजेपी में शामिल करवाया जिसके बाद मंगलवार दोपहर को पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने मीडिया के सामने आकर न सिर्फ सिलावट बल्कि सिंधिया पर भी जुबानी हमला बोला। यहां तक कि उन्होंने सिंधिया घराने के इतिहास पर कई सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने सिंधिया परिवार और ज्योतिरादित्य सिंधिया को सामंती बताते हुए मंत्री सिलावट को ज्योतिरदित्य सिंधिया का चापलूस करार दिया। बीजेपी ने गुड्डू के मुंह खोलने के बाद इंदौर बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर को गुड्डू के सामने उतार दिया। इसके बाद सोनकर ने बीजेपी नेताओं पर की गई टिप्पणी के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई का हवाला देकर प्रेमचंद गुड्डू को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। वही गुड्डू ने आज एक प्रेस नोट जारी कर साफ किया कि वो तो फरवरी में ही बीजेपी छोड़ चुके है फिर बीजेपी के द्वारा भेजे गए नोटिस का कोई औचित्य नही है। दरअसल, अंत तक सारे सूत्र अपने हाथ मे रखकर बीजेपी से इस्तीफा दिए जाने की बात करने वाले प्रेमचंद गुड्डू को जब तक कांग्रेस से हरी झंडी नही मिली तब तक उन्होंने मौन साध रखा था लेकिन अब वो खुलकर सिंधिया और सिलावट पर हमला बोल रहे है। उन्होंने कहा पूर्व की प्रदेश सरकार में किसानों की भलाई चाहने वाले सिंधिया क्यों नही अब किसानों और प्रदेश की जनता के लिए सड़कों पर उतर रहे जबकि कोरोना संकटकाल मे किसानों की हालत खराब है। इधर, मंत्री सिलावट को प्रदेश में कोरोना के वर्तमान स्वरूप का जिम्मेदार ठहराते हुए गुड्डू ने निशाना साधा और माना कि जिस समय स्वास्थ्य मंत्री के नाते सिलावट को कोरोना की रोकथाम करने के प्रयास करने उस समय वो बैंगलुरू के आलीशान होटल में आराम फरमा रहे थे और जिस समय स्वास्थ्य विभाग के साथ तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री को कोरोना के खिलाफ मैदान सम्भालना था उस समय वो सिंधिया की चापलूसी कर वफादारी का सबूत देने में लगे थे।
बीजेपी जिला अध्यक्ष ने कहा गुड्डू न घर के रहे न घाट के
इधर, एमपी ब्रेकिंग न्यूज को बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर ने बताया कि कल नोटिस जारी करने के बाद प्रेमचंद गुड्डू ने फ़ोन पर उनसे कहा था कि उन्हें अब तक उन्हें कोई नोटिस नही मिला है वही उन्होंने नोटिस के मामले में जबाव देने की बात भी की थी। उन्होंने प्रेमचंद गुड्डू द्वारा उठाये गए कदम को हैरानी वाला कदम बताया और कहा कि गुड्डू ही शिकायत करते थे कि दिग्विजयसिंह उनकी नही सुनते और कांग्रेस पार्टी का कोई बड़ा नेता उनका फोन नही उठाता है और बड़े बेआबरू होकर वो कांग्रेस से निकले थे। इसके बाद अब वो बता रहे है कि वो फरवरी में ही बीजेपी को छोड़ चुके है जबकि उनका इस्तीफा प्रदेश संगठन को नही मिला है। बीजेपी जिला अध्यक्ष ने कहा कि अब तो कांग्रेस में जाने के पहले ही उनके विरोध में बैठके शुरू हो गई है जिसके बाद ये साफ हो रहा है वो अब न घर के रहे और ना घाट के।