इंदौर गैंगरेप पर सवाल – फिलहाल, हकीकत है कोसो दूर, इंदौर आईजी ने कही ये बातें

इंदौर, आकाश धोलपुरे। आधुनिकता की अंधी दौड़ में तेजी से भाग रहे इंदौर में मंगलवार रात को इंदौर पुलिस के सामने एक ऐसी शिकायत आई थी जिसको लेकर प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी सोशल मीडिया के जरिये कई सवाल उठाए थे। लेकिन अब पुलिस कथित गैंग रेप के सवालों के जबाव ढूंढने के बाद इस नतीजे के करीब है कि घटना की असलियत क्या वाकई गैंग रेप है या फिर कुछ और ?

दरअसल, 24 घण्टे पहले इंदौर में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई थी और 18 वर्षीय फर्स्ट ईयर की छात्रा का आरोप था कि उसके साथ सुनियोजित तरीके से पहले अपहरण कर गैंग रेप की वारदात को अंजाम दिया गया और बाद में उसे बोरे में बंद कर 5 आरोपियों ने उसे मारने की कोशिश की थी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।