जबलपुर, संदीप कुमार। निजी स्कूलों(Private schools) के द्वारा मनमाने ढंग से फ़ीस(fees) वसूलने और ऑनलाइन क्लासेस(online classes) के नाम पर बेवजह फीस वसूलने के खिलाफ मध्यप्रदेश अभिभावक संघ(Madhya Pradesh Parent Association) ने मंगलवार को नर्मदा(Narmada) तट पर जल सत्याग्रह किया। स्कूली छात्र छात्राओं के अभिभावकों के द्वारा बनाए गए मध्यप्रदेश अभिभावक संघ के बैनर तले अभिभावकों और छात्रों ने नर्मदा तट ग्वारीघाट में पानी में खड़े होकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। विरोध करने वालों की मांग है कि कोरोना(Corona) संक्रमण काल के दौरान जब स्कूल बंद थे तो भला स्कूल फ़ीस(school fees) क्यों वसूली जा रही है?
ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर स्कूलों द्वारा फीस(school fees) वसूली की जा रही है जबकि ठीक ढंग से ऑनलाइन क्लासेज नहीं चल रही है। इसके अलावा निजी स्कूलों के द्वारा पाठ्यक्रम की पुस्तकें कुछ विशेष दुकानों से ही ऊंचे दाम पर लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन सभी अनियमितताओं पर तुरंत रोक लगाई जाए और मध्यप्रदेश शासन इसके लिए गाइडलाइन जारी करें।
जल सत्याग्रह की खबर लगते ही मौके पर ग्वारीघाट थाना पुलिस पहुंच गई और उन्होंने जल सत्याग्रह करने वालों को पानी से बाहर आने के आदेश दिए। पुलिस का कहना था कि आंदोलन या धरना प्रदर्शन करना लोकतंत्र में जायज है लेकिन इसके लिए किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं होना चाहिए। नर्मदा नदी में पानी में उतर कर प्रदर्शन करने से खतरा हो सकता है। इसलिए सभी प्रदर्शनकारी नर्मदा नदी से बाहर आकर तट पर आकर अपना प्रदर्शन कर सकते हैं।
पुलिस के आदेश के बाद सभी प्रदर्शनकारी पानी से बाहर निकले और तट पर खड़े होकर उन्होंने अपनी मांगों को दोहराया। मध्य प्रदेश अभिभावक संघ के उपाध्यक्ष हेमंत पटेल ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा फीस(school fees) की मनमानी से सभी अभिभावक परेशान हैं और अब राज्य शासन को कड़े कदम उठाना ही होगा। जिससे अभिभावकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने से बच जाएगी।इधर थाना प्रभारी विजय सिंह परस्ते ने बताया कि जल सत्याग्रह की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसलिए प्रदर्शनकारियों को पानी से बाहर आने के लिए कहा गया था।