नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। नूपुर शर्मा के बयान को समर्थन देने वाले उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की गला काटकर हत्या करने के बाद अब एक और अमरावती से टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है, जहां नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर एक मेडिकल शॉप संचालन की निर्मम हत्या कर दी गई। ये घटना 21 जून की बताई जा रही है यानि की अमरावती हत्याकांड को उदयपुर से भी पहले अंजाम दे दिया गया था, लेकिन मामले को हवा कन्हैयालाल की हत्या के बाद ही मिली।
इस घटना का खुलासा एक सीसीटीवी फुटेज के सामने आने के बाद हुआ। फिलहाल, पुलिस ने मुख्य आरोपी इरफान शेख रहीम सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आज शेख रहीम को स्थानीय कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, मुख्य आरोपी रायबर हेल्पलाइन नाम की एक NGO चलाता है और जिससे तकरीबन 21 लोग जुड़े हुए हैं। हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपी भी इसी NGO से जुड़े हुए हैं। NIA ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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NGO को पाकिस्तान से हो रही है फंडिंग
इस मामले में जांच एजेंसीयों को यह जानकारी मिली है कि इस NGO को कुछ खाड़ी देशों और पाकिस्तान से फंडिंग हो रही है। NGO के मुखिया इरफान शेख रहीम को नागपुर से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले गिरफ्तार किए गए छठे आरोपी डॉ. यूसुफ खान उर्फ बहादुर को 5 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।
सीसीटीवी से साफ हुई तस्वीर
21 जून को हुई इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। वीडियो में साफ-साफ नजर आ रहा है कि कैसे आरोपी हत्या को अंजाम देने के लिए घात लगाए बैठे थे। सारा मामला रात साढ़े 10 बजे प्रभात चौक पर स्थित महिला महाविद्यालय के बाहर लगे कैमरे में कैद हुआ था, जिसमें दो आरोपियों को उमेश कोल्हे के पीछे जाते हुए देखा गया और फिर वारदात को अंजाम देने के बाद वह भागते हुए भी दिखे।
पुलिस ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि यह हत्या नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट लिखने की वजह से ही हुई है। अमरावती के डीसीपी उमेश साल्वी ने कहा, “उमेश कोल्हे की हत्या नूपुर शर्मा की पोस्ट वायरल होने के कारण हुई थी।”
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पुलिस की और जारी बयान में कहा गया, “यहां बीच सड़क पर मेडिकल शॉप के संचालक उमेश प्रह्लाद कोल्हे (54) को गर्दन पर चाकू से वार कर तीन लोगों ने मौत के घाट उतार दिया। तीनों आरोपी घंटाघर हनुमान मंदिर की गली में नूतन कॉलेज के गेट के पास घात लगाकर बैठे थे और जैसे ही उमेश वहां पहुंचे आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया।”
जानकारी के मुताबिक, पुलिस कस्टडी में एक आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसे एक NGO संचालक ने उमेश को मारने के लिए कहा था। इस दौरान उमेश को मारने के लिए दो टीमें लगाई गई थीं, जहां एक टीम को फोन करके उमेश के कॉलेज के पास पहुंचने की पुष्टि की गई और फिर एक टीम ने उन पर हमला कर दिया।