शिवपूरी, शिवम पाण्डेय। जिले मे बिना परमिट व फिटनेस के यात्री वाहन फर्राटे मार रहे है, आरटीओ अमला कार्रवाई के बजाय आंख मूंदे हुए है। खटारा बसों मे जान जोखिम मे डाल कर यात्री सफर करने को मजबूर हैं। बावजूद इसके जिले का परिवहन अमले द्वारा यात्री वाहनों की कभी जांच कार्रवाई नहीं की जाती।
ये जरूर है कि बीच-बीच में यातायात पुलिस ऐसे वाहनो को पकड़कर जब आरटीओ के हवाले कर देता है तब उस वाहन में जुर्माने की कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी कर दी जाती है।उल्लेखनीय है कि जिले का आरटीओ अमला वर्षों से शून्य पड़ा हुआ है। कभी भी जिम्मेदार सड़क पर उतर कर वाहनों की जांच नहीं करते, जिले में नियम विरूद्ध तरीके से यात्री वाहन के साथ-साथ अन्य वाहनों की भरमार है, वाहनों में ओवर लोड सवारी तो आम बात है।
परिवहन विभाग की निष्क्रियता का आलम यह हो चुका है कि वाहन संचालक बिना परमिट वाहन चलाने मे भी तनिक संकोच नहीं करते, जिसके उदाहरण बीच-बीच मे यातायात पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई से सामने आते रहते हैं।इस तरह की प्रशासनिक लापरवाही से जाने कितने लोगों की जान जोखिम में है।यात्री वाहनों की मरम्मत तो सर्वोपरि है साथ ही ओवर लोडिंग पर रोक लगाने हेतु सख्त कदम उठाने की भी ज़रूरत है।