भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। फर्जीवाड़ा मामले में मध्य प्रदेश सरकार (madhya pradesh government) ने सहायक आबकारी आयुक्त (Assistant excise commissioner) पर बड़ी कार्रवाई की है। जहां ग्वालियर (gwalior) में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त सोनकेसरी को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। बुधवार देर शाम कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट (commercial tax department) ने सहायक आबकारी आयुक्त ने बर्खास्तगी के आदेश जारी किए है।
दरअसल राज्य सरकार ने यह कार्रवाई इंदौर हाईकोर्ट (indore highcourt) के आदेश पर की है। जानकारी के मुताबिक ग्वालियर में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त नागेश्वर सोनकेसरी (Nageshwar Sonkesari) ने वर्ष 1998 में राज्य सिविल परीक्षा के माध्यम से परीक्षा दी थी। उनका अनुसूचित जनजाति कोटे से जिला आबकारी अधिकारी के पद पर चयन हुआ था। इसके बाद उन्होंने भोपाल हुजूर तहसीलदार द्वारा जारी हल्का जाति का अस्थाई प्रमाण पत्र आवेदन के साथ जमा किया था। जब प्रमाण पत्र की जांच की गई तो यह प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।
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जिसके बाद राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने 2010 में जाति प्रमाण पत्र फर्जी होने की वजह से सोनकेसरी की सेवा से मुक्त करने का आदेश जारी किया था। इस मामले में सहायक आबकारी आयुक्त ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जहां हाईकोर्ट ने सोनकेसरी की सेवा से मुक्त किए जाने के आदेश को निरस्त कर दिया था।
इस मामले में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को निर्देश दिए थे कि जल्द से जल्द आबकारी आयुक्त मामले में राज्य सरकार की याचिका का निराकरण किया जाए। जिसके बाद इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आबकारी आयुक्त को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।