केंद्रीय कृषि मंत्री के बंगले के बाहर मुर्दाबाद के नारे, कांग्रेस ने जलाई कृषि कानून की प्रतियां

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कृषि कानूनों (Agricultural Laws) पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद भी किसानों (Farmers) का आंदोलन जारी है। वहीं कांग्रेस (Congress) का किसानों (Farmers) के समर्थन में जारी आंदोलन भी जारी है। आंदोलन के तहत चल रही किसान संघर्ष यात्रा के दौरान आज कांग्रेस (Congress)  नेताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar)के बंगले के बाहर मुर्दाबाद के नारे लगाए और फूलबाग चौराहे पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई।

किसान (Farmer) आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस (Congress) ने कल 12 जनवरी को भिंड जिले के लहार से ट्रैक्टर ट्राॅली पर किसान संघर्ष यात्रा शुरू की है ये यात्रा ग्वालियर चंबल संभाग के सभी जिलों में घूमेगी और 20 जनवरी को मुरैना में जाकर समाप्त होगी। यात्रा आज ग्वालियर पहुंची जहाँ स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया। जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा के नेतृत्व में ग्वालियर के सेकडों कांग्रेस कार्यकर्ता किसान संघर्ष यात्रा में शामिल हुए। फूलबाग चौराहे पर कांग्रेस नेताओं ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई उसके बाद फूलबाग चौराहे पर ही कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे धरने में शामिल होकर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने कृषि कानूनों को काले कानून बताते हुए इन्हें वापस लेने की माँग की। इसके बाद यात्रा अगले पड़ाव के लिए चली गई। किसान संघर्ष यात्रा में बड़ी संख्या में महिला नेत्रियां भी शामिल हैं वे भी ट्रैक्टर ट्राॅली पर सवार होकर केंद्र सरकार विरोधी नारे लगा रही हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुर्दाबाद के लगाए नारे

किसान संघर्ष यात्रा जब लहार से ग्वालियर आ रही थी तब रेसकोर्स रोड पर जब कांग्रेस नेता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar)के शासकीय बंगले के बाहर से निकल रहे थे तभी वे उसके सामने रुक गए और नरेंद्र सिंह तोमर मुर्दाबाद के नारे लगाए। कुछ देर नारेबाजी करने के बाद कांग्रेसी आगे बढ़ गए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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