सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को दी बड़ी राहत, अंतरिम जमानत पर होंगे रिहा

नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्च। स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Stand Up Comedian Munawar Farooqui) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ी राहत दी है। मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत (Interim bail) मिल गई है। हिंदू देवी-देवताओं का अपमान (Insult to Hindu deities) करने और एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) ने मुनव्वर फारूकी को गिरफ्तार (arrest) किया था।

मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका (Bail plea) पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। दरअसल आरोपी की गिरफ्तारी के समय पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई गाइडलाइन का पालन नहीं किया था जिसको लेकर अदालत ने नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए केस में जारी प्रोडक्शन वारंट पर भी रोक लगा दी गई है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।