‘सुप्रीम’ आदेश का पालन, राज्य निर्वाचन आयोग ने OBC आरक्षण वाले पदो की प्रक्रिया रोकी

Gaurav Sharma
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मप्र पंचायत चुनाव 2022

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने पत्र जारी कर अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षित पदों की प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश दिया है और पत्र में जारी किए गए आदेश का पालन सुनिश्चित करने की बात कही है।

'सुप्रीम' आदेश का पालन, राज्य निर्वाचन आयोग ने OBC आरक्षण वाले पदो की प्रक्रिया रोकी 'सुप्रीम' आदेश का पालन, राज्य निर्वाचन आयोग ने OBC आरक्षण वाले पदो की प्रक्रिया रोकी

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केस की सुनवाई करते हुए आदेश जारी कर कहा था कि ओबीसी आरक्षण आधार पर चुनाव ना कराए जाएं। यदि आदेश का पालन नहीं होता तो सूरत में पंचायत चुनाव निरस्त भी किए जा सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि चुनाव संविधान अनुसार होना चाहिए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि चुनाव संविधान अनुसार कराए जा रहे हैं तो इन्हें जारी रखें और यदि चुनाव संविधान अनुसार नहीं हो रहे हैं तो इन्हें निरस्त किया जाए।

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आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता से भी कहा है कि वह संबंधित प्राधिकारी को इस न्यायालय की 3 जज बेंच द्वारा विकास किशनराव गवली मामले में घोषित किए गए कानून को प्रभावित करने के लिए राज्य चुनाव आयोग के लिए एक संचार जारी करें, जिसके अनुसार स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण को अधिसूचित करने से पहले ट्रिपल टेस्ट का पालन होना चाहिए। हमारी इस बात पर सॉलिसिटर जनरल ने अपनी सहमति जताई है।

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सर्वोच्च न्यायालय के इन्हीं आदेशों का पालन करते हुए मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन के अंतर्गत आरक्षण हेतु आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया है और आदेश को लागू करने की बात कही है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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