रानी अवंती बाई की प्रतिमा के चबूतरे की टाइल्स उखाड़ी, लोधी समाज ने किया चक्काजाम

Atul Saxena
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शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। शिवपुरी जिले के पिछोर बाचरौन चौराहे पर स्थापित रानी अवंती बाई (Rani Avanti Bai) की प्रतिमा के चबूतरे को उनके बलिदान दिवस पर प्रशासन द्वारा क्षतिग्रस्त किये जाने का आरोप लगाते हुए लोधी समाज और स्थानीय लोगों ने बवाल मचा दिया।  नाराज लोग सड़क पर इकठ्ठा हो गए और चक्काजाम कर दिया। लोधी समाज ने चेतावनी दी है कि प्रशासन रानी अवंती बाई (Rani Avanti Bai) के चबूतरे को पहले की तरह ही कर दे वरना  उग्र आंदोलन किया जाएगा।

वैसे पिछोर में महान हस्तियों की मूर्ति स्थापित कर कब्जा करने की पुरानी आदत रही है। पिछले 6 महीनों में ही यहां पर बिना अनुमति मूूर्ति लगाकर कब्जा करने के चार से ज्यादा प्रकरण आ चुके हैं। इसके बाद भी इस पर रोक लगाने में स्थानीय प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। तहसील में नेशनल हाईवे बाचरौन चौराहे पिछले साल अज्ञात लोगों द्वारा रानी अवंती बाई (Rani Avanti Bai) की प्रतिमा स्थापित कर दी थी। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। कुछ दिनों तक इसकी हलचल रही, लेकिन प्रशासन मूर्ति को जगह से हटाने में नाकाम रहा।

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पिछोर अनुविभाग अंतर्गत नेशनल हाइवे 346 स्थित बाचरौन चौराहे पर 3 सितंबर 2020 को रातो रात दबंगों रानी  अंवती बाई (Rani Avanti Bai) की प्रतिमा स्थापित कर दी गई थी। सुबह लोगों ने देखा तो बबाल मच गया था एसडीएम केआर चौकीकर के अनुसार सवा चार फुट की यह मूर्ति पीतल की मानी थी। इसी चौराहे पर बिना अनुमति के मार्च महीने में चबूतरे का निर्माण अवैध ढंग से किया गया था। तभी अचानक रानी अवंती बाई (Rani Avanti Bai) की प्रतिमा लगी देख हलचल मच गई। लेकिन प्रशासन मूर्ति को जगह से हटाने में नाकाम रहा।

इसका परिणाम यह हुआ कि करीब 5 दिन पहले मूर्ति रखने वाले स्थान पर अब पक्का चौराहा बना दिया। स्थाई निर्माण हो जाने से अब इसे हटाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ। निर्माण कार्य चलते वक्त भी कोई प्रशासनिक अधिकारी या कर्मचारी ने इसकी सुध नहीं ली। लेकिन आज वीरांगना अवंती बाई (Rani Avanti Bai) के बलिदान दिवस पर उनके आसपास सौंदर्यीकरण को किसी ने  क्षतिग्रस्त कर दिया।  लोगों ने आरोप लगाया कि ये काम प्रशासन ने किया है उधर लोधी समाज ने सोशल मीडिया प्रशासन को चेतावनी दी कि मूर्ति का जल्दी आज ही सौंदर्यीकरण किया जाये वरना उग्र आंदोलन होगा।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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