ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) समर्थक शिवराज सरकार (Shivraj Government) के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) का जनता के साथ व्यवहार दूसरे मंत्रियों से अलग है, वे जमीन पर बैठ जाते हैं, बुजुर्गों के पैर में बैठकर उनकी समस्या सुलझाते हैं, गरीबों के घर जाकर उनकी परेशानी मौके पर ही दूर कराते हैं वहीं किसी बुजुर्ग को ठेला धकेलता देख उसके साथ खुद भी ठेला धकेलने लग जाते हैं। उनकी अलग कार्यशैली के कारण वे हमेशा मीडिया की सुर्खी बने रहते हैं। अब वे अज्ञातवास पर चले गए हैं। लेकिन इसकी पूर्व सूचना उन्होंने अपने फेसबुक (Facebook) पेज पर साझा की है।
सड़क पर झाड़ू, नाले में उतरकर सफाई, सार्वजनिक और विभागीय शौचालयों की सफाई कर चर्चा में आने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) अपनी कार्यशैली से हमेशा चर्चा में रहते हैं। वे जब ग्वालियर (Gwalior) में या भोपाल (Bhopal) में रहते हैं उनके बंगले के दरवाजे हमेशा जनता के लिए खुले रहते हैं। लेकिन ऊर्जा मंत्री पहली बार सात दिन के अज्ञातवास पर चले गए हैं। इसकी सूचना मंत्री तोमर ने खुद अपने फेसबुक पेज पर शेयर की है। मंत्री ने एक दिन पहले यानि 4 जनवरी को पोस्ट डाली कि ” आप सभी को सूचित करते हुए मुझे खेद हो रहा है कि मैं निजी और अपरिहार्य कारणों के कारण 4 जनवरी से 10 जनवरी तक दूरभाष या आपके बीच उपस्थित होने में असमर्थ हूँ। आपके बीच उपस्थित न होने के लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ व आशा करता हूँ कि आप मेरी भावनाओं को समझकर मेरा सहयोग अवश्य करेंगे।”
उन्होंने आगे लिखा “आपकी समस्याओं को लेकर ग्वालियर व भोपाल कार्यालय के निम्नलिखित दूरभाष नंबर हैं। जहाँ आपकी समस्या के लिए हरसंभव मदद की जायेगी। भोपाल कार्यालय -07552760082। ग्वालियर कार्यालय – जी एल मांझी, निज सचिव (9827383181), मृगेंद्र कुशवाह, निज सचिव (9826225234, 8319697690)
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर द्वारा फेसबुक पर अपने उपस्थित नहीं रहने की सूचना डालने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि ये सूचना केवल ग्वालियर के लोगों के लिए है और मंत्री जी भोपाल में अपने शासकीय आवास पर हैं। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि मंत्री जी के दोनों फ़ोन नंबर बंद है और सूचना फेसबुक पर है तो ये सबके लिए है। इसलिए बहरहाल यदि 4 से 10 जनवरी के बीच यदि ऊर्जा मंत्री का कोई समाचार आता है तो ये बात स्पष्ट हो जायेगी कि ये सूचना केवल ग्वालियरवासियों के लिए थी। वरना सात दिनों तक ऊर्जा मंत्री के अज्ञातवास को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म ही रहेगा।