भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में स्कूलों (MP School) की लगातार हो रही फीस बढ़ोतरी से अभिभावक बहुत परेशान हैं। इस दौरान फीस बढ़ोतरी (fees hike) को लेकर राज्य शासन और स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) द्वारा कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किए गए हैं। जिसके बाद अब निजी स्कूलों (private schools) द्वारा पूरी फीस की मांग की जा रही है। वहीं निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर अब अभिभावक संघ परेशान है।
अभिभावकों का कहना है कि 15 जून से निजी स्कूलों की ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी गई है लेकिन ऐसे बच्चों को हटा दिया गया। जिसने Fees जमा नहीं की है इस कारण से बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहे हैं। वहीं कई स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने इस सत्र की फीस में 40 से 50 फ़ीसदी की वृद्धि की है। जिस पर अभिभावक संघ का कहना है कि पिछले साल की तरह शासन द्वारा इस साल भी सिर्फ शिक्षण शुल्क (Tuition Fees) लेने के आदेश दिए जाए।
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अभिभावक का कहना है कि Corona काल में उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। ऐसी स्थिति में स्कूलों द्वारा लगातार फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। अभिभावकों कि राज्य शासन से मांग है कि पिछले आदेश को यथावत रखते हुए निजी स्कूलों द्वारा सिर्फ शिक्षण शुल्क के आदेश दिए जाए।
राजधानी में कई ऐसे स्कूल हैं। जिन्होंने अपनी फीस बढ़ोतरी की है। नए सत्र में Fees को लेकर 30 से 50 फीसद की बढ़ोतरी पर अभिभावक संघ नाराज है। उनका कहना है कि इस साल भी स्कूल खोलने को लेकर संशय की स्थिति बरकरार है। ऐसी स्थिति में स्कूलों को सिर्फ शिक्षण शुल्क वसूल करने की इजाजत दी जाए। जिससे स्कूल प्रशासन द्वारा एनुअल शुल्क, नामांकन शुल्क, कंप्यूटर स्कूल स्पोर्ट्स स्कूल की वसूली न की जाए।