मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। उद्धव ठाकरे के राजनीतिक के साथ-साथ निजी जीवन में भी समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद मंगलवार से सरकार गिरने के डर का सामना कर रहे प्रदेश के सीएम अब कोरोना संक्रमित हो गए है। इससे पहले प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। इस बीच सरकार को बचाने के लिए बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में उद्धव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हुए है।
उधर, इस बीच बागी विधायक और मंत्री एकनाथ शिंदे ने एक और बड़ा दावा करते हुए बताया कि उनके साथ शिवसेना और निर्दलीय मिलाकर 46 विधायकों का समर्थन है। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे है कि बुधवार शाम तक उद्धव ठाकरे सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार का जाना लगभग तय। कमलनाथ बिना उद्धव से मिले वापस लौट रहे हैं। @BJP4India @OfficeOfKNath @Dev_Fadnavis @AmitShah @vdsharmabjp @INCMaharashtra pic.twitter.com/YEpfgLCCoy
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) June 22, 2022
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कैबिनेट मीटिंग में नहीं आए आदित्य ठाकरे
महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग खत्म हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक, आठ मंत्रियों के साथ आदित्य ठाकरे इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए हैं, जिनके नाम – एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे, संदीपन भुमरे, अब्दुल सत्तार, शंभूराज देसाई (राज्यमंत्री), बच्चू कडू और राजेंद्र येद्रावकर है।
इस दौरान गुवाहाटी से भी ताजा जानकारी सामने आई है, जहां यह दावा किया जा रहा है कि Radisson Blu Hotel में कुल 89 लोग रुके हुए हैं, जिनमें 37 बागी विधायक बताये जा रहे हैं। कुछ विधायकों के परिवार भी साथ हैं। बागी कैंप ने कुछ और कमरों की मांग की है, कहा गया है कि कुछ और लोग गुवाहाटी आ सकते हैं।
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कमलनाथ के साथ नहीं हो सकी मुलाकात
महाराष्ट्र में छिड़े सियासी घमासान के बीच कांग्रेस आलाकमान ने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, जिसके तहत प्रदेश में उन्हें अपने विधायकों को बागी होने से बचाना है। दरअसल, कमलनाथ ऑपरेशन लोटस का शिकार हो चुके है। साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बागी हो जाने के बाद कांग्रेस सरकार मध्य प्रदेश में मात्र 15 महीनों में गिर गई थी। इस विषय में भी वह उद्धव के साथ बात करने वाले थे लेकिन उद्धव को कोरोना होने के बाद यह संभव नहीं हो सका।