भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नगरीय निकाय चुनाव (urban body election) और आगामी पंचायत चुनाव (Panchayat Election) को लेकर प्रदेश में तैयारियां जोरों पर है। एक तरफ चुनाव आयोग (election commission) जहां वोटर लिस्ट (voter list) और एनओसी (NOC) नामांकन की प्रक्रिया में लगा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ पार्टियों की रणनीति भी बदलती नजर आ रही है। वही चुनाव लड़ने के इक्छुक दावेदार कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
दरअसल अगले महीने चुनाव की घोषणा के बाद से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिसके बाद उम्मीदवारों को एनओसी नामांकन के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज प्राप्त करने का समय नहीं मिलेगा। ऐसी स्थिति में वो उम्मीदवार जिनके टिकट तय माने जा रहे हैं। सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए संपत्ति कर, बिजली कर, पानी कर सहित पूरी राशि जमा कर रहे हैं। दरअसल नगर निकाय चुनाव उम्मीदवार को एनओसी नामांकन के साथ इन दस्तावेजों का संलग्न रहना आवश्यक है। जिसके लिए उम्मीदवार टैक्स जमा कर निगम से एनओसी प्राप्त कर रहे हैं।
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बता दें कि चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद पार्षद पद के प्रत्याशियों को चुनाव खर्च का ब्योरा भी देना होगा। वही नगरीय निकाय चुनाव तथा आगामी पंचायत चुनाव के लिए बने नए नियम उम्मीदवारों के लिए परेशानी का कारण बने हैं। जहां पार्षद पद के लिए उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 8 लाख 75 हजार तय की गई है। ज्ञात हो कि इससे पहले अब तक केवल महापौर प्रत्याशी को ही चुनावी खर्च का ब्यौरा देना होता था।
बता दें कि हाल में ही मध्य प्रदेश के निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह (BP Singh) ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि 3 मार्च को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होने के तुरंत बाद चुनाव कराए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस पर किसी भी स्थिति में चुनाव की तिथि आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम (EVM) से जबकि सरपंच के चुनाव मतपत्र से करवाए जाने हैं।