तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार दोस्तों से मिले गए युवक के साथ मारपीट, ग्रामीणों ने घेरा थाना   

Atul Saxena
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जबलपुर,संदीप कुमार। जबलपुर की बरगी थाना पुलिस ने बरगी टोल नाके पर तोड़फोड़ के आरोप में कुछ ग्रामीण युवकों को गिरफ्तार कर लिया, जब थाने में इन युवकों से मिलने इनका दोस्त गया तो पुलिस (police) ने उसके साथ मारपीट की। पुलिस की कार्रवाई से गुस्साए ग्रामीणों (Villagers) ने गुरुवार को थाने का घेराव कर दिया। ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुलिस की कार्रवाई पर विरोध जताया।

टोल नाके पर हुई तोड़फोड़, पुलिस ने उठा लिया ग्रामीणों को

कुछ दिन पूर्व बरगी टोल नाके पर कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की थी, इस मामले की जांच के बाद बरगी थाना पुलिस ने बीती रात चार स्थानीय ग्रामीण युवकों को तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार किया था और उन्हें थाने लाया गया था। देर रात पकड़े गए आरोपीयों का दोस्त राजीव अग्रवाल इनसे मिलने के लिए थाने आया था, इस दौरान उसने पकड़े गए युवकों को रजाई और गद्दे देने की कोशिश की।थाने में मौजूद पुलिस स्टाफ ने नियम के तहत ऐसा करने से रोका, जिससे राजीव अग्रवाल और पुलिस स्टाफ के बीच बहस होने लगी।

युवक का आरोप पुलिस ने की जमकर उसकी पिटाई

पीड़ित युवक राजीव अग्रवाल का आरोप है कि बरगी पुलिस स्टाफ ने उसके साथ मारपीट की और उसे थाने से भगा दिया। इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने आज बरगी थाने का घेराव किया और दोषी स्टाफ के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।

ग्रामीणों ने दिया धरना, ग्रामीणों-पुलिसअफसरों में हुई बहस 

थाना परिसर  में ही ग्रामीणों द्वारा जमकर नारेबाजी की गई इस दौरान मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच भी तीखी बहस हुई। ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस स्टाफ द्वारा की गई मारपीट की वजह से राजीव अग्रवाल के शरीर पर चोटों के निशान हैं  इससे साफ जाहिर होता है पुलिसकर्मियों ने उसके साथ ज्यादती की है इसलिए ऐसे पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित किया जाए लेकिन पुलिस अधिकारी इस मामले की जांच के निष्कर्ष के बाद कार्रवाई  की बात कर रहे थे। बाद में जबलपुर से आये एएसपी शिवेश बघेल (ASP Shivesh Baghel) की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।  एएसपी शिवेश बघेल ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जांच के आदेश दिए हैं  उन्होंने ग्रामीणों को आश्वशन दिया है कि जाँच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई  की जाएगी, ग्रामीणों के घेराव को देखते ही थाने में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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