डिंडौरी।प्रकाश मिश्रा
जिले में कोरोना वायरस(corona virus) के चलते जहां धारा 144 लगी हुई है। वही कंप्लीट लॉकडाउन(complete lockdown) के कारण आमलोगों का घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित है।किन्तु जब मूलभूत सुविधा की बात आती है तो जीवन बचाने के लिए सारे नियम और कानून छोटे दिखाई पड़ते हैं। मामला जनपद पंचायत डिंडोरी के ग्राम पंचायत डाँड़ विदयपुर का है जहां ग्रामीण पानी की समस्या से दो-चार हो रहे हैं और अपना और अपने बच्चों के कंठ की प्यास बुझाने के लिए इस महामारी में भी नियमों का उल्लंघन करने से नहीं चूक रहे हैं। गर्मी की शुरुआत होते ही पेयजल की समस्या ग्रामीणों के लिए विकराल रूप धारण कर लेती है और ग्रामीण एक एक बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर हो जाते हैं ।दशकों बीत जाने के बाद भी डाँड़ विदयपुर वासियों की इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है।
जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत डाँड़ विदयपुर के रहवासियों को यूं तो पूरे साल भर पानी के लिए एकमात्र कुए पर आश्रित रहना पड़ता है किंतु स्थिति तो तब भयावह हो जाती है जब गर्मी की शुरुआत होती है और एकमात्र कुएं में भी कहने मात्र को पानी शेष रह जाता है ।पंचायत के प्रतिनिधि क्षेत्र के विधायक और जिले के आला अधिकारियों तक ग्रामीणों की इस समस्या का कोई समाधान नहीं है। फिलहाल एक बार फिर ग्रामीण पेयजल की समस्या से पीड़ित हो गए हैं। जहां पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं है वही मूक पशु पक्षियों के लिए भी यह बड़ा संकट का समय है। ग्रामीणों की माने तो पंचायत और प्रशासन ने पूर्व मेंअपने स्तर पर इस पेयजल की समस्या के समाधान के लिए नलकूपों का खनन कराया था किंतु भूजल स्तर कम होने के कारण नलकूप यहां पर अनुपयोगी ही साबित हुए हैं।
बता दें कि डांड विदयपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत पंचायत मुख्यालय सहित दो अन्य पोषक ग्राम भी है ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत मुख्यालय होने के बाद भी पंचायत के अधिकतर कार्य पोषक ग्रामों में ही संपन्न कराए गए हैं ।ग्राम में आदिवासी समाज एवं हरिजन समाज के लोग बड़ी संख्या में निवासरत हैं अब एक बार फिर ग्रामीण जिला प्रशासन की ओर उम्मीदकी टकटकी लगाए देख रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक यहां नल जल योजना के तहत पानी टंकी नहीं बनाई जाएगी तब तक यहां के बाशिंदों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाएगा ।विगत के वर्षों में ग्राम के नाम पर नल जल योजना संचालित की गई थी किंतु कतिपय लोगों के स्वार्थ के चलते ग्राम को नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पाया ।एक बार फिर स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि ग्राम के लगभग 100 परिवारों के सामने पेयजल सहित निस्तारित पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है।