पेड़ पर एक ही फंदे पर फांसी पर लटके मिले युवक-युवती, जांच में जुटी पुलिस

Gaurav Sharma
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suicide in balaghat

बालाघाट, सुनील कोरे। बालाघाट जिले के बिरसा क्षेत्र के देवरीमेटा में सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है, जहां एक खेत में 18 वर्षीय युवक, युवती का शव पेड़ पर एक ही दुपट्टे में फंदे पर लटका मिला है। एक साथ युवक, युवती के फांसी के फंदे में लटके मिलने से लोग प्रेम प्रसंग की आशंका जाहिर कर रहे है। बहरहाल बिरसा पुलिस ने 20 अक्टूबर की शाम घटना की सूचना पर घटनास्थल से युवक, युवती के शव बरामद कर जांच शुरू कर दी है। जिनका पीएम आज 21 अक्टूबर को किया जायेगा।

मिली जानकारी अनुसार मृतक युवक गोवारी निवासी अभिषेक पिता प्यारेलाल मरकाम और युवती परसाटोला निवासी माही पिता हरिप्रसाद मरकाम है। जिनके शव को बरामद करने के बाद पुलिस ने उन्हें पीएम के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। घटना को लेकर पुलिस को मिली प्रारंभिक जानकारी अनुसार युवक के परिजनों का कहना है कि वह युवती को नहीं पहचानते और युवती के परिजनों का कहना है कि वह युवक को नहीं पहचानते है। युवती गत 19 अक्टूबर को मामला के यहां जाने की बात कहकर घर से निकली थी।

जबकि युवक घर से बिना बताये निकला था। आज 20 अक्टूबर को थाना अंतर्गत देवरीमेटा में एक खेत में लगे पेड़ में दोनो युवक, युवती का एक ही दुपट्टे में बनाये गये फांसी के फंदा पर लटका मिला। बहरहाल पुलिस मामले में हर एंगल से जांच कर रही है। घटना की जानकारी के बाद बिरसा थाना प्रभारी रविकांत डहेरिया, हमराह स्टॉफ के साथ घटनास्थल पहुंचे। जहां घटनास्थल का बारीकि से निरीक्षण उपरांत पुलिस ने शव बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए बिरसा अस्पताल भिजवा दिया है। मामले को लेकर पुलिस जांच में जुट गई है।

इनका कहना है

बिरसा के थाना प्रभारी रविकांत डेहरिया का कहना है कि देवरीमेटा में खेत में लगे पेड़ में युवक, युवती का शव एक ही दुपट्टे में बनाये गये फांसी के फंदे पर लटका मिला है। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने शव बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। मामले की जांच जारी है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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