2000 Rupees Note : 2000 के नोट बदलने का आखिरी मौका, लास्ट डेट नजदीक, फिर हो जाएंगे बेकार! जानिए बदलने का सही तरीका

Pooja Khodani
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2000 Rupee Note Exchange,

2000 Rupee Note Exchange : आमजन के लिए 2000 के नोट से जुड़ी एक काम की खबर है। अगर आपके पास 2000-2000 के नोट बचे या पड़े है तो इसी महीने चेंज करवा लें अन्यथा परेशान हो सकते है, क्योकि 2000 के नोट बदलवाने की आखिरी तारीख नजदीक है, इसके बाद नोट नहीं लिए जाएंगे।चुंकी 2000. के नोट वापस लेने की घोषणा आरबीआई काफी पहले ही कर चुका है, जिसके लिए आखिरी तारीख 30 सितंबर तय की गई थी,ये तारीख अब नजदीक ही है और, अगर आपने अब तक ये नोट वापस जमा नहीं किए हैं तो आपके पास अब कम ही दिन बचे हैं।

दरअसल, 19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी, इसके बाद आरबीआई ने नागरिकों से आग्रह किया कि वह अपने 2,000 के पुराने नोट को 30 सितंबर 2023 तक वापस कर दें।अब 2000 रुपये के नोट बदलने की समयसीमा 30 सितंबर 2023 को समाप्त हो रही है, यानिअब  आपको चार दिन के अंदर ही ये नोट बदलना है, ऐसे में अगर आपने अभी तक 2000 के नोट को नहीं बदला है तो इस काम को आज ही पूरा कर लें वरना बाद में आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

ऐसे बदल सकते है आप 2000 के नोट

बैकों को मिले निर्देशों के अनुसार फिलहाल अंतिम तारीख तक वहां दो हजार के नोट बदले या जमा किए जा सकते हैं। इसके लिए आपके खाते का केवायसी होना जरूरी है, जिसके बाद आप 2 हजार रुपये से 20 हजार रु. तक जमा कर सकते हैं।

अब तक आए इतने नोट

सितंबर की शुरुआत में आरबीआई ने इस संबंद में जानकारी साझा की थी, जिसके मुताबिक दो हजार के तकरीबन 93 फीसदी नोट बैंक में वापस आ चुके हैं। 31 अगस्त 2023 तक बैंकों में जमा किए गए दो हजार के नोटों की कुल कीमत 3.32 लाख करोड़ रुपये था, जिसके बाद 31 अगस्त तक 0.24 लाख करोड़ रु. मूल्य के ही दो हजार रु. के नोट में चलन में थे।

इन्हें मिल सकती है छूट

वैसे तो दो हजार रु. के नोट जमा करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर ही है, लेकिन कुछ खास केसेज में थोड़ी छूट भी दी जा सकती है। ये छूट उन लोगों को दी जा सकती है जो विदेश में हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हो गई है, उन्हें आखिरी तारीख में छूट मिल सकती है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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