23 साल कुश्ती के नाम, खोटा सिक्का सुनने से अयोग्य घोषित होने तक का सफर, पढ़ें विनेश फोगाट की Success Story

2016 रियो ओलिंपिक में उनकी हार और 2020 टोक्यो ओलिंपिक में आलोचनाएं उनके लिए कठिन दौर रहे, लेकिन उन्होंने हर चुनौती का सामना किया और खुद को साबित किया।

Sanjucta Pandit
Published on -

Success Story of Vinesh Phogat : विनेश फोगाट का नाम भारतीय कुश्ती के क्षेत्र में सम्मानजनक स्थान रखता है। 23 साल की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद उनका करियर सफल रहा, खासकर पिछले दस वर्षों में जब उन्होंने कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए। हालांकि, पेरिस ओलंपिक के दौरान मिले गहरे जख्म और उसके बाद कुश्ती को अलविदा कहना उनके लिए एक कठिन निर्णय रहा होगा। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको देश की बेटी की दिलचस्प सक्सेस स्टोरी बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

Vinesh Phogat

जीवन का कठिन मोड़

9 साल की उम्र में अपने पिता को खोने के बाद उन्होंने परिवार की जिम्मेदारी संभालते हुए कुश्ती की दुनिया में कदम रखा। यह उनके जीवन का एक कठिन मोड़ था। फिर भी महावीर फोगाट के समर्थन और मार्गदर्शन में उन्होंने अपने हौसले को बुलंद किया। विनेश ने अपने संघर्ष और परिश्रम से न केवल पिता की कमी को सहा, बल्कि कुश्ती में कई ऊंचाइयों को छुआ। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें पहलवान बना दिया, जो खेल की दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही हैं।

आलोचनाओं का दौर

2016 रियो ओलिंपिक में उनकी हार और 2020 टोक्यो ओलिंपिक में आलोचनाएं उनके लिए कठिन दौर रहे, लेकिन उन्होंने हर चुनौती का सामना किया और खुद को साबित किया। 2020 टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद खोटा सिक्का कहा गया। इतना ही नहीं, डॉक्टरों ने उन्हें कुश्ती छोड़ने की सलाह दी थी, तब भी वह हार नहीं मानी और एक ही दिन में तीन मुकाबलों में जीत हासिल की। लगातार संघर्ष करते हुए 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। साथ ही तीन ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं।

दिया धरना

विनेश फोगाट का जंतर-मंतर पर धरना, उसके बाद का आंदोलन भारतीय कुश्ती और खेल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ मिलकर उन्होंने कुश्ती संघ के पदाधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाई और भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं के खिलाफ संघर्ष किया। इसके परिणामस्वरुप, बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और नए अध्यक्ष संजय सिंह के नियुक्ति दे दी गई। इसके बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का फैसला किया। वहीं, विनेश द्वारा खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाने की घोषणा की गई।


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News