नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रविवार को जेट ईंधन की कीमतों में 3.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। इस साल वैश्विक ऊर्जा कीमतों में वृद्धि को दर्शाते हुए लगातार नौवीं बार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एविएशन टर्बाइन ईंधन (ATF) के दाम अब तक के उच्चतम स्तर पर है।
राज्यों के ईंधन खुदरा विक्रेताओं के अनुसार, मेट्रो शहरों की बात करे तो देश की राजधानी में एटीएफ की कीमत ₹ 3,649.13 प्रति किलोलीटर (3.22 प्रतिशत) बढ़ाकर अब ₹ 1,16,851.46 प्रति किलोलीटर (116.8 रुपये प्रति लीटर) कर दी गई है।
मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में यह कीमत क्रमशः 1,15,617.24, 1,21,430.48 और 1,20,728.03 रुपये प्रति किलोलीटर है।
इससे पहले एटीएफ की कीमतों में 16 मार्च को अब तक की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई थी, जहां इसने 18.3 प्रतिशत (17,135.63 रुपये प्रति किलोलीटर) की रिकॉर्ड छलांग लगाई थी, इसके बाद 1 अप्रैल को 2 प्रतिशत (2,258.54 रुपये प्रति किलोलीटर) वहीं 16 अप्रैल को 0.2 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखि गई थी।
बता दे जेट ईंधन, जो एक एयरलाइन की परिचालन लागत का लगभग 40 प्रतिशत है, इस साल नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। 2022 की शुरुआत से हर 15वें दिन एटीएफ की कीमतों में वृद्धि हुई है। 1 जनवरी से अभी 1 मई तक, कीमतों मई लगातार नौवीं बार वृद्धि दर्ज की गई। साल के पहले दिन से अभी तक कीमत 42,829.55 रुपये प्रति किलो लीटर (42.8 रुपये प्रति लीटर) यानि कि 50 फीसदी बढ़ी है।
कीमतों में रूस-यूक्रेन युद्ध का दिख रहा असर
कोरोना महामारी के बाद रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के कारण आपूर्ति की चिंताओं के चलते वैश्विक स्तर पर ईंधन की कीमतें बढ़ी हैं। भारत अपनी तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।
पेट्रोल के दाम 25वें दिन भी स्थिर
इस बीच, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद से आज लगातार 25 वें दिन कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई ।
आपको बता दे जेट ईंधन की कीमतों में हर महीने की पहली और 16 तारीख को संशोधन किया जाता है वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में समान दरों के आधार पर पेट्रोल और डीजल की की कीमत प्रतिदिन ऊपर-नीचे होती है।
क्या है एविएशन टर्बाइन फ्यूल?
एविएशन टर्बाइन फ्यूल क्रूड ऑयल या पेट्रोलियम का एक बायप्रोडक्ट है जिसका इस्तेमाल एयरक्राफ्ट को पावर देने के लिए किया जाता है। इसे टेक-ऑफ के समय पावर वहीं उड़ान के समय ईंधन की खपत को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है।
जेट ईंधन का प्राथमिक कार्य एक विमान ऊर्जा और दहन गुणवत्ता (combustion quality) को शक्ति देना है। इसके अन्य महत्वपूर्ण कार्य है – स्थिरता (stability), चिकनाई (lubrication), तरलता (liquidity or fluidity), अस्थिरता (volatility), गैर-संक्षारकता (non-corrosivity) और स्वच्छता (cleanliness)। इसके अलावा ईंधन का उपयोग इंजन नियंत्रण प्रणालियों में हाइड्रोलिक द्रव के रूप में और कुछ ईंधन प्रणाली कंपोनेंट्स के लिए कूलेंट (coolant) के रूप में भी किया जाता है।
एटीएफ-ग्रेड:
नागरिक वाणिज्यिक उड्डयन (civil commercial aviation) में वर्तमान में एटीएफ के दो मुख्य ग्रेड हैं- जेट ए-1 और जेट ए, दोनों केरोसिन प्रकार के ईंधन हैं। जेट-बी नामक एक अन्य ग्रेड भी है जो कि वाइड कट केरोसिन (गैसोलीन और मिट्टी के तेल का मिश्रण) है, लेकिन बहुत ठंडे मौसम में ही इसका उपयोग किया जाता है।
जेट ए-1 ईंधन का केरोसिन ग्रेड है जो अधिकांश टर्बाइन इंजन वाले विमानों के लिए उपयुक्त है। इसका फ्लैश पॉइंट (न्यूनतम तापमान जिस पर एक तरल पदार्थ, आमतौर पर एक पेट्रोलियम उत्पाद, इसकी सतह के पास हवा में वाष्प (vapour) का निर्माण करता है) 38 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर होता है और फ्रीज पॉइंट अधिकतम माइनस 47 डिग्री सेंटीग्रेड होता है।
जेट ए एक समान केरोसिन प्रकार का ईंधन है, जो केवल यू.एस. में इस्तेमाल किया जाता है।