ट्रैफिक जाम से परेशान जनता ने उठाई फ्लाईओवर बनाने की मांग, हाई कोर्ट ने शासन से 3 सप्ताह में मांगा जवाब

नियमित रूप से वकालत का व्यवसाय कर रहे अधिवक्ताओ क़ो, हाई कोर्ट, सिविल कोर्ट, कलेक्ट्रेट, रेलवे स्टेशन आने जाने में ट्रैफ़िक जाम के कारण कीमती समय बर्बाद हो जाता है, तथा समय पर कोर्ट आदि स्थानो पर नहीं पहुंच पाते।

Jabalpur News : ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहे शहर के नागरिकों ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें हाई कोर्ट चौराहे से अब्दुल हमीद चौक तक एक फ्लाईओवर बनाने की मांग की है, जनता का कहना है कि इस फ्लाई ओवर के बन जाने से बहुत लाभ होगा, याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शासन से 3 सप्ताह में जवाब तलब किया है।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट चौराहा से रद्दी चौकी, आधारताल तक फ्लाईओवर निर्माण करने हेतु दायर याचिका पर सरकार से तीन सप्ताह के अंदर जबाब तलब किया है। हाई कोर्ट के अधिवक्ता मुनीश सिंह द्वारा दायर याचिका में बताया गया कि हाई कोर्ट से आधारताल रोड पर प्रतिदिन जाम की स्थिति रहती है,जिसके कारण आए दिन गंभीर दुर्घनाए हो रही है, मरीजो क़ो अस्पताल पहुंचने में ट्रैफ़िक का सामना करना पड़ता है, बच्चो क़ो स्कूल जाने ट्रैफ़िक जाम के चलते असुविधा होती है।

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याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में शासन प्रशासन क़ो अनेक बार लिखित में अभ्यावेदन देकर अवगत करा दिया गया है, फिर भी सरकार की ओर से कोई रिस्पोंस नहीं दिया जा रहा है। याचिका की आज प्रारंभिक सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा की गईं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को अवगत कराते हुए कहा कि नागरिकों क़ो संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के उपभोग करने के लिए, उचित पर्यावरण निर्मित करना सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है।

एडिशनल एडवोकेट जनरल ने रखा पक्ष 

याचिका में कहा, नागरिकों क़ो संविधान के अनुच्छेद 19 एवं 21 में प्रदत्त अधिकारों का सुगमता पूर्वक उपभोग करने में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिसका निदान सरकार द्वारा फ्लाईओवर बनाकर किया जा सकता है,जिसे बनाने हेतु हाई कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत, मेंण्डामस नामक रिट जारी करके सरकार क़ो बाध्य किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान एडिशनल एडवोकेट जनरल भरत सिंह ठाकुर द्वारा याचिका पर प्रश्न उठाते हुए विरोध किया गया, तथा याचिका क़ो cost लगाकर ख़ारिज करने की मांग की गई।

कोर्ट ने तीन सप्ताह में सरकार से मांगा जवाब 

उन्होंने कोर्ट में ये भी कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री जबलपुर के हैं जिसके सामने जनता मांग कर सकती है। एडिशनल एडवोकेट जनरल भरत सिंह के उक्त समस्त तर्कों क़ो हाईकोर्ट द्वारा ख़ारिज करते हुए कहा गया कि आमजन क़ो यदि मौलिक अधिकारों के उपभोग करने में बाधा उत्पन्न हो रही है तों हाई कोर्ट, सरकार के विरुद्ध रिट जारी कर निर्देशित कर सकती है। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में सरकारी वकील क़ो कहा कि तीन सप्ताह के अंदर कोर्ट क़ो जबाब दे कि फ्लाईओवर कब तक बनकर तैयार होगा।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट  


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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